केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर नकेल कसते हुए नया आईटी कानून लागू कर दिया है। इसके बाद भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट दिखना बंद नहीं हो रहे हैं।हाल की में सोशल मीडिया पर वायरल एक स्टीकर को लेकर अब इंस्टाग्राम की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर नकेल कसते हुए नया आईटी कानून लागू कर दिया है। इसके बाद भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट दिखना बंद नहीं हो रहे हैं।
हाल की में सोशल मीडिया पर वायरल एक स्टीकर को लेकर अब इंस्टाग्राम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली में भाजपा के नेता मनीष सिंह ने बीते मंगलवार को हिंदुओं की भावनाओं के ठेस पहुंचाने के आरोप में इंस्टाग्राम के खिलाफ केस दर्ज कराया है। सोशल मीडिया के सबसे मशहूर प्लेटफॉर्म पर आरोप है कि इसने हिंदुओं के भगवान शिव को आपत्तिजनक तरीके से दिखाया है।
ये @instagram का साहस देखिए। महादेव की तस्वीर को किस रूप में दिखा रहा है, एक हाथ मे शराब और दूसरे हाथ में मोबाईल। इंस्टाग्राम को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। @DelhiPolice को इस मामले की शिकायत की है, और आवश्यकता पड़ने पर इंस्टाग्राम के कार्यालय पर भी धावा बोला जाएगा। @rsprasad pic.twitter.com/raG0iXE7s8
— Manish Singh (@MSinghBJP) June 8, 2021
जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि इंस्टाग्राम पर भगवान का एक स्टिकर देखा गया है जिसमें शिव के एक हाथ में वाइन का ग्लास है और दूसरे हाथ में मोबाइल है। इस GIF पर अपनी आपत्ति दिखाते हुए भाजपा नेता ने इंस्टाग्राम के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर दिल्ली पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है तो वह खुद इंस्टाग्राम के दफ्तर जाएंगे। वहां जाकर वह इंस्टाग्राम के स्टिकर हटाने और माफी मांगने के लिए धरना करेंगे।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ये इंस्टाग्राम का साहस देखिए। महादेव की तस्वीर को किस रूप में दिखा रहा है, एक हाथ मे शराब और दूसरे हाथ में मोबाईल। इंस्टाग्राम को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। दिल्ली पुलिस को इस मामले की शिकायत की है, और आवश्यकता पड़ने पर इंस्टाग्राम के कार्यालय पर भी धावा बोला जाएगा।
इंस्टाग्राम के CEO के खिलाफ कार्रवाई की मांग
भाजपा नेता मनीष सिंह ने कहा कि इंस्टाग्राम ने हिंदुओं की भावनाएं आहत करने के लिए ये स्टिकर बनाए हैं। उन्होंने कहा कि यह स्टिकर नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देगा। दिल्ली पुलिस से इंस्टाग्राम के सीईओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295ए के तहत मामला दर्ज करने का आग्रह किया गया है।