श्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूर्णिमा को कौमुदी, कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
Sharad Purnima 2021: अश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूर्णिमा को कौमुदी, कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत के समान होती हैं। पूर्णिमा तिथि आज यानी 19 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगी और 20 अक्टूबर रात 8 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार शरद पूर्णिमा का व्रत कल यानी 20 अक्टूबर, बुधवार के दिन रखा जाएगा।
शरद की रात को मां लक्ष्मी (Goddess Laxmi) की पूजा करने से मां खुश होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान क्षीर सागर से प्रकट हुई थीं। इस दिन को मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।
शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को उनकी प्रिय वस्तुएं चढानी चाहिए। जैसे मखाना, सिंघाड़ा, कमल का फूल, पान के पत्ते, सुपारी, इलायची और सफेद कौड़ी आदि। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात सफेद कौड़ियों से खेलने पर मां प्रसन्न होती हैं। इस दिन चंद्रमा की दूधिया रोशनी में दूध की खीर बनाकर रखी जाती है और बाद में इस खीर को प्रसाद की तरह खाया जाता है। मान्यता है कि इस खीर को खाने से शरीर को रोगों से मुक्ति मिलती है।