हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections) में कांग्रेस अभी तक कमजोर मानी जा रही थी, लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के दांव ने उसे मुकाबले में खड़ा कर दिया है। 12 नवंबर को मतदान होना है। इससे पहले ओपीएस (OPS) के मुद्दे पर गली-गली में चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि हिमाचल चुनाव में पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा निर्णायक हो सकता है।
नई दिल्ली। हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Elections) में कांग्रेस अभी तक कमजोर मानी जा रही थी, लेकिन पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के दांव ने उसे मुकाबले में खड़ा कर दिया है। 12 नवंबर को मतदान होना है। इससे पहले ओपीएस (OPS) के मुद्दे पर गली-गली में चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि हिमाचल चुनाव में पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा निर्णायक हो सकता है। रिटायर्ड कर्मचारी कहते हैं कि नई पेंशन स्कीम (NPS)को गलत है। इनका कहना है हम लोग रिटायर हैं और पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के तहत हर महीने रकम मिलती है, लेकिन नई पीढ़ी की सुरक्षा भी जरूरी है। इसलिए पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) एक मुद्दा है।
वह कहते हैं कि हमने बीते चुनाव में भाजपा को ही वोट किया था। इस बार हम चाहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी इस मसले पर कुछ वादा करें। तभी मतदान पर फैसला होगा। हम उनके इंतजार में हैं। ‘एनपीएस के कर्मचारी चुनाव में निर्णायक साबित हो सकते हैं। उनकी संख्या करीब सवा लाख है। यदि उनके परिवारों को भी जोड़ लिया जाए तो हर विधानसभा में उनके लगभग 3,000 वोट हैं।’ ऐसे में नई पेंशन स्कीम (NPS) वाले कर्मचारी यदि कांग्रेस की ओर से झुकते हैं तो फिर वह मुकाबले में बाजी मार सकती है।
नए वोटर्स के जरिए OPS की काट ढूढ़ पाएगी भाजपा?
हालांकि वह नए मतदाताओं के बीच भाजपा की मजबूत पैठ मानते हैं। वहते हैं कि नए मतदाता भाजपा की ओर जा सकते हैं। युवाओं में मोदी का क्रेज दिख रहा है। इनकी संख्या 3 लाख के करीब है और यह देखने वाली बात होगी कि युवाओं के भरोसे भाजपा कैसे ओपीएस (OPS) की काट कर पाएगी। धर्मशाला में रहने वाले एक सरकारी कर्मचारी ने कहा कि ‘हम नई पेंशन स्कीम (NPS)के तहत आते हैं। परिवार की सुरक्षा के लिए पुरानी स्कीम (OPS) बेहतर थी। जो भी पार्टी हमें पुरानी स्कीम (OPS) लागू करने का वादा करेगी। हम उसके लिए वोट डालने पर विचार करेंगे।’
कांग्रेस क्यों बना रही है पुरानी पेंशन स्कीम से माहौल
पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने का वादा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में किया है। इसके अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे अपनी सत्ता वाले राज्यों में कांग्रेस ने ओपीएस स्कीम(OPS) को लागू भी किया है। ऐसे में वह लगातार दोहरा रही है कि हम सत्ता में आते ही राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर देंगे। अब इसे लेकर भाजपा पर दबाव है कि वह भी बड़ा वादा करे। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने की बात कही है, लेकिन पुरानी स्कीम लागू (OPS) करने का स्पष्ट ऐलान अब तक नहीं किया गया है।