26 अगस्त सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी का मनाई जाएगी। इस दिन घरों में भगवान कृष्ण की झांकी सजाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा और व्रत आदि भी किया जाता है। इतना ही नहीं भगवान कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है। घर में तरह तरह के पकवान बनाये जाते है।
How to make Panchamrit: 26 अगस्त सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी (krishna janmashtami) का मनाई जाएगी। इस दिन घरों में भगवान कृष्ण की झांकी सजाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा और व्रत आदि भी किया जाता है। इतना ही नहीं भगवान कृष्ण का श्रृंगार किया जाता है। घर में तरह तरह के पकवान बनाये जाते है।
भगवान कृष्ण की फेवरेट चीजों को बनाकर भोग लगाया जाता है। माखन मिश्री, मखाना पाग पंजीरी।अगर आप भी अपने हाथों से पंचामृत बनाकर भगवान कृष्ण को भोग लगाना चाहते है तो आज हम आपको इसे बनाने का तरीका बताने जा रहे है। जिसकी मदद से आप बहुत ही आसानी से इसे बना सकते है। तो चलिए जानते हैं इसे बनाने का तरीका।
पंचामृत बनाने के लिए ये है जरुरी सामग्री
दही
पांच प्रकार का मेवा बारीक कटा हुआ
पीसी हुई चीनी
तुलसी के पत्ते
दूध,
शहद,
गंगाजल
देशी घी
आधा चम्मच इलायची का पाउडर
पंचामृत बनाने का ये है तरीका
पंचामृत बनाने के लिए सबसे पहले पंचामृत को दही से तैयार किया जाता है। आप इसके लिए ताजा घर का दही या मार्केट का दही इस्तेमाल कर सकते हैं। दही को मथनी से हल्का चलाकर ब्लैंड कर लें। आप इसमें थोड़ा पानी डालकर पतला भी कर सकते हैं।अब पंचामृत के लिए सभी मेवा को बारीक काट लें। आप अपनी पसंद से कोई भी मेवा इसमें मिला सकते हैं। वैसे चिरौंजी और भुने मखाने का स्वाद पंचामृत में बहुत अच्छा लगता है। ये दोनों चीजें जरूर डालें।
अब पंचामृत में चीनी को पीसकर मिलाएं। आप चाहें तो बूरा भी मिला सकते हैं। आपको इतनी चीनी मिलानी है कि दही अच्छे से मीठा हो जाए। अब बारी है इसमें पांच अमृत मिलाने की। पंचामृत को पांच अमृत से तैयार किया जिसमें दही, दूध, शहद, गंगाजल और घी शामिल हैं। इन चीजों को थोड़ा-थोड़ा दही में मिक्स कर लें। अब इसमें तुलसी के पत्ते डाल दें और कटे हुए मेवा मिला दें।
स्वाद बढ़ाने के लिए पंचामृत में आधा चम्मच इलायची का पाउडर भी मिक्स कर दें। इससे काफी अच्छी खुशबू आएगी। अब जब पंचामृत का भोग लगाएं या किसी को सर्व करें तो इसमें भुने हुए मखाने डालकर सर्व करें।पंचामृत में आप पके हुए केले काटकर भी डाल सकते हैं। इस पंचामृत को आप ऐसे ही या फिर पंजीरी से साथ मिलाकर भी खा सकते हैं। कान्हा के भोग में पंचामृत और पंजीरी शामिल की जाती है। आप सिर्फ पंचामृत से भी भोग लगा सकते हैं।