पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल अपने चरम पर है। एकजुट विपक्ष को इस बात की उम्मीद है कि सोमवार को नेशनल असेंबली के अध्यक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने की इजाजत देंगे।
नई दिल्ली : पाकिस्तान (Pakistan) में इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल अपने चरम पर है। एकजुट विपक्ष को इस बात की उम्मीद है कि सोमवार को नेशनल असेंबली के अध्यक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने की इजाजत देंगे। इसके साथ ही विपक्ष ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अध्यक्ष ने प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार या इसमें देरी की तो वे सचिवालय पर धरना देंगे। बता दें कि यहीं पर 22-23 मार्च को ओआईसी विदेश मंत्रियों का सम्मेलन भी प्रस्तावित है। यदि सोमवार को अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो अविश्वास प्रस्ताव पर 28 मार्च को सदन में वोटिंग होगी।
पीएम इमरान खान (Imran Khan) पर राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है। खुफिया एजेंसियों के इनपुट से संकेत मिलता है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और डीजी (ISI) लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम सहित चार वरिष्ठतम पाकिस्तानी सेना जनरलों ने ओआईसी-एफएम सम्मेलन के बाद इमरान खान (Imran Khan) को प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के लिए कहा है।
यहां तक कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के बहुप्रचारित तुरुप का पत्ता पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ भी सेना के साथ इमरान खान की ओर से मध्यस्थता करने में स्पष्ट रूप से विफल रहे हैं। यह भी पता चला है कि जनरल शरीफ इमरान खान (Imran Khan) के कहने पर जनरल बाजवा से मिलने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) गए थे, लेकिन वे सेना प्रमुख को नहीं समझा सके।
पाकिस्तानी सेना (Pakistan army) अपने इस आकलन में एकजुट है कि इमरान खान को पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि लगातार राजनीतिक उथल-पुथल पाकिस्तान (Pakistan) के हित में नहीं है। बता दें कि पाकिस्तान (Pakistan) पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सेना भी पीएम इमरान खान से यूक्रेन संकट पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के खिलाफ अनावश्यक पॉट-शॉट लेने और जाहिर तौर पर अफगानिस्तान में पश्चिम में इस्लामाबाद के समर्थन के बावजूद उनकी और पाकिस्तान की अनदेखी के लिए नाराज है।
पाकिस्तानी सेना (Pakistan army) ने ओआईसी सम्मेलन के बाद पीएम इमरान खान (Imran Khan) को इस्तीफा देने के लिए कहने के साथ, विपक्षी नेताओं ने भी गतिविधि बढ़ा दी है।
इस्लामाबाद के सियासी हलकों में इस बात की चर्चा है कि पीएम इमरान खान (Imran Khan)जनरल बाजवा को भी बर्खास्त कर सकते हैं, क्योंकि पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने मार्च 1972 में कार्यवाहक सेना प्रमुख जनरल गुल हसन खान और वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल अब्दुल रहीम खान को बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, जनरल बाजवा के लिए फिलहाल इस संभावना का कोई महत्व नहीं है। वर्तमान सेना प्रमुख ने राजनीति से दूरी बना ली है।