HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. पंचांग • बुधवार, 11 अगस्त, 2021

पंचांग • बुधवार, 11 अगस्त, 2021

पंचांग 11/08/21, बुधवार यह पृष्ठ 11 अगस्त 2021 को तिथि, नक्षत्र, अच्छे और बुरे समय आदि को दर्शाता है।

By प्रीति कुमारी 
Updated Date

पंचांग • बुधवार, 11 अगस्त, 2021

पढ़ें :- Vaikuntha Ekadashi 2025 : वैकुंठ एकादशी के दिन करें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा, जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है

विक्रम संवत – 2078, आनंद
शक संवत – 1943, प्लावस
पूर्णिमांत – श्रवण
अमंत मास – श्रावण

तिथि
शुक्ल पक्ष तृतीया – अगस्त १० ०६:०६ अपराह्न – अगस्त ११ ०४:५४ अपराह्न
शुक्ल पक्ष चतुर्थी – अगस्त 11 04:54 अपराह्न – अगस्त 12 03:25 अपराह्न

नक्षत्र
पूर्वा फाल्गुनी – अगस्त 10 09:53 पूर्वाह्न – 11 अगस्त 09:32 पूर्वाह्न
उत्तरा फाल्गुनी – अगस्त 11 09:32 पूर्वाह्न – 12 अगस्त 08:52 पूर्वाह्न

करण
गरिजा – अगस्त 11 05:32 पूर्वाह्न – अगस्त 11 04:54 अपराह्न
वनिजा – अगस्त 11 04:54 अपराह्न – अगस्त 12 04:11 पूर्वाह्न
विष्टी – अगस्त 12 04:11 पूर्वाह्न – अगस्त 12 03:25 अपराह्न

पढ़ें :- Sabarimala Mandala Puja : सबरीमाला में मंडल पूजा की तैयारी जोरों पर , श्रद्धालुओं ने निकाला लंबा जुलूस

योग
शिव – अगस्त 10 08:29 अपराह्न – अगस्त 11 06:27 अपराह्न
सिद्ध – अगस्त 11 06:27 अपराह्न – अगस्त 12 04:12 अपराह्न

वारा
बुधवार (बुधवार)

त्यौहार और व्रत
हरियाली तीजो

सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय – 6:05 AM
सूर्यास्त – 6:58 अपराह्न
चंद्रोदय – अगस्त 11 8:25 AM
चंद्रास्त – अगस्त ११ ९:१२ अपराह्न

अशुभ काल
राहु – 12:31 अपराह्न – 2:08 अपराह्न
यमगंडा – 7:42 पूर्वाह्न – 9:18 पूर्वाह्न
गुलिका – 10:55 पूर्वाह्न – 12:31 अपराह्न
दुर मुहूर्त – 12:06 अपराह्न – 12:57 अपराह्न
वर्ज्यम – 04:32 अपराह्न – 06:05 अपराह्न

पढ़ें :- Mauni Amavasya 2025 : मौनी अमावस्या पर गंगा में डुबकी और दान-पुण्य का विशेष महत्व है, जानें इसका महत्व

शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – नीला
अमृत ​​काल – 01:52 पूर्वाह्न – 03:26 पूर्वाह्न
ब्रह्म मुहूर्त – 04:29 पूर्वाह्न – 05:17 पूर्वाह्न

आनंददी योग
स्थिरा (सुस्थिर) तक – 09:32 AM
वृद्धी (वार्थमान)

सूर्या रसी
कर्क (कर्क) में सूर्य

चंद्र रासी
चंद्रमा कन्या राशि में प्रवेश करने से पहले 11 अगस्त, 03:23 अपराह्न तक सिंह राशि में भ्रमण करता है

चंद्र मास
अमंता – श्रवण
पूर्णिमांत – श्रवण
शक वर्ष (राष्ट्रीय कैलेंडर) – श्रवण 20, 1943
वैदिक ऋतु – वर्षा (मानसून)
ड्रिक रितु – वर्षा (मानसून)

चंद्राष्टम
1. उत्तरा आषाढ़ अंतिम 3 पदम, श्रवण, धनिष्ठा प्रथम 2 पदम

पढ़ें :- Tulsi-Mala Ki Mahima : गले में तुलसी की माला धारण करने से बढ़ती है जीवन शक्ति,  मानसिक तनाव में मिलता है लाभ

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...