एक दौर था जब गर्मियों की छुट्टियों का मतलब होता था मस्ती। दादा दादी , नाना नानी, बुआ फुफा, मौसी मौसा के साथ गर्मियों की छुट्टियों का आनंद अपने चरम पर होता था। धीरे, धीरे समय बदलता गया।
Parenting Tips : एक दौर था जब गर्मियों की छुट्टियों का मतलब होता था मस्ती। दादा – दादी , नाना -नानी, बुआ -फुफा, मौसी -मौसा के साथ गर्मियों की छुट्टियों का आनंद अपने चरम पर होता था। धीरे, धीरे समय बदलता गया। अब बच्चों के लिए पहले जैसी गर्मियों की छुट्टियां नहीं रही। जीवन शैली में आए बदलाव के कारण बच्चों के लिए नये दौर में बदलाव आया है। पहले के दौर में गर्मियों की छुट्टियों का मतलब आजादी था। आज के नये दौर में पेरेंट्स छुट्टियों में भी बच्चों को अलग अलग तरह की एक्टिविटी क्लासेस जॉइन करा देते हैं। नये दौर में पेरेंट्स बच्चे में टैलेंट को लेकर अधिक चिंतित और बच्चों को सीखने के लिए दबाव बनाते है। छुट्टियों में परफॉर्मेंस प्रेशर आज के दौर में अधिक देखने को मिल रहा है। गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को बेफ्रिकी से खेल दें। उनके उपर
बच्चों को भी ब्रेक चाहिए उन्हें छुट्टियों में खुद को भी एक्सप्लोर करने का मौका मिलना चाहिए। तभी वे जान सकेंगे की वे क्या करना चाहते हैं। ग्रैंड पेरेंट्स के साथ समय बिताने से बच्चों के विकास में मदद मिलती है।
बच्चे अगर ग्रैंड पेरेंट्स के साथ समय बिताते हैं तो न सिर्फ वे उनके अनुभवों से जीवन के बारे में सीखते हैं बल्कि वे पारिवारिक व नैतिक मूल्यों को भी समझ पाते हैं। बच्चों की छुट्टियों में बच्चों के साथ बातें करें, फैमिली फ्रेंड से मिलने जाएं जिससे बच्चे सोशलाइज करना सीख सकेंगे।