अडानी एवं अडानी समूह के सभी लोगो के पासपोर्ट जब्त करने के साथ ही वित्तीय अनियमितता और शेयर धारकों के साथ धोखाधड़ी की जांच करने की मांग की है। संजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि, अभी हाल ही में एक वेबसाइट हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिसमें भारत के सबसे बड़े कॉर्पोरेट समूह अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं।
नई दिल्ली। हिंडेनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। पतझड़ की तरह अडानी ग्रुप की संपत्तियां कम होती जा रही हैं। विपक्षी दल इसको लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। साथ ही वित्तीय अनियमितता और शेयर धारकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाकर जांच की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने अडानी एवं अडानी समूह के सभी लोगो के पासपोर्ट जब्त करने के साथ ही वित्तीय अनियमितता और शेयर धारकों के साथ धोखाधड़ी की जांच करने की मांग की है। संजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि, अभी हाल ही में एक वेबसाइट हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिसमें भारत के सबसे बड़े कॉर्पोरेट समूह अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं।
#HindenburgReport : AAP MP @SanjayAzadSln ने प्रधानमंत्री, SEBI, केंद्रीय सतर्कता आयोग को चिट्ठी लिखी।
CBI और ED को लिखकर Adani Group पर लगे Financial Fraud के आरोपों की जांच हो और उनके Passport ज़ब्त हो। pic.twitter.com/l4WfspOUNw
— AAP (@AamAadmiParty) January 31, 2023
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ये आरोप इतने गंभीर है कि 25 जनवरी से अब तक अडानी ग्रुप के संयुक्त बाजार मूल्यांकन में 24.17 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। इसके साथ हो भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), जो देश की पांचवीं सबसे मूल्यवान कंपनी है और जिसके पास अडानी ग्रुप के स्टॉक्स की एक बहुत बड़ी शेयर हॉल्डिंग है, उसे भी लगभग 216,580 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही पत्र में लिखा है कि, हिंडेनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी फर्म है जो दुनिया भर में अपनी खोजी रिपोर्ट के लिए जानी जाती है।
अतीत में उनकी जांच के कारण कई कंपनियों के खिलाफ विदेशी एजेंसियां द्वारा धोखाधड़ी की जांच शुरू हुई और कई मामलों में सजा और जुर्माना भी हुआ। हिंडेनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट में दिये गये आंकड़ों और आर्थिक अनियमितताओं के आरोपों से यह स्पष्ट है कि यदि इनमें अंश भर भी सत्यता है तो यह भारत और दुनिया में अब तक हुए आर्थिक घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों में से यह सबसे बड़ा मामला साबित होगा।