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Peepal Ka Ped: इस वृक्ष में होता है भगवान शिव का वास, शनिदेव की साढ़े साती रोकने में है कारगर

पीपल एक दैवीय वृक्ष है। पीपल के बारे में कहा जाता, पीपर पात सरिस मन डोला, इसका अर्थ है, मन पीपल के पत्ते की तरह है, जो ज़रा सी हवा में भी हिलने लगता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Peepal Ka Ped :  पीपल एक दैवीय वृक्ष है। पीपल के बारे में कहा जाता, पीपर पात सरिस मन डोला, इसका अर्थ है, मन पीपल के पत्ते की तरह है, जो ज़रा सी हवा में भी हिलने लगता है। पीपल के पेड़ को वासुदेव भी कहते है। पीपल पेड़ में त्रिदेव यानी जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु और ऊपर के भाग में भगवान शिव का वास होता है। पीपल के पेड़ के अलावा इसके पत्ते भी काफी चमत्कारी होते हैं।पीपल के पेड़ का औषधीय प्रयोग भी किया जाता है और इससे कई रोगों में लाभ लिया जा सकता है।

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1.ज्योतिष के अनुसार, पीपल के पत्ते से जुड़े कुछ खास उपायों को करने से व्यक्ति के जीवन से दुर्भाग्य दूर हो जाता है।
2.सभी कार्यों में सफलता पाने के लिए पीपल के 11 पत्तों पर कुमकुम, अष्टगंध या चंदन मिलाकर श्री राम का नाम लिखें। पत्तों की एक माला बना लें और हनुमान मंदिर में हनुमान जी को अर्पित कर दें।
3.धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ के नीचे शिवलिंग स्थापित करना विशेष फलदाई होता है। पीपल के पेड़ के नीचे बने शिवलिंग की जो भी व्यक्ति नियमित रूप से पूजा करता है उसके जीवन की सभी समस्याएं समाप्त होती हैं।
4.शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को जल अर्पित करना चाहिए और सरसों के तेल का दीपक जलना चाहिए। ऐसा करने से शनि की दशा समाप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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