ज्योतिष शास्त्र में मूल नक्षत्र 19वां नक्षत्र माना जाता है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में जन्मे बच्चे पिता पर भारी पड़ते हैं। जिसके कारण इस नक्षत्र की शांति के लिए पूजा की जाती है। मूल नक्षत्र का स्वामी केतु हैं। कहा जाता है कि इस नक्षत्र में जन्मे बच्चों को कुछ समय तक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें रहती हैं। ये स्वभाव के जिद्दी और ईमानदार होते हैं।
नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में मूल नक्षत्र 19वां नक्षत्र माना जाता है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में जन्मे बच्चे पिता पर भारी पड़ते हैं। जिसके कारण इस नक्षत्र की शांति के लिए पूजा की जाती है। मूल नक्षत्र का स्वामी केतु हैं। कहा जाता है कि इस नक्षत्र में जन्मे बच्चों को कुछ समय तक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें रहती हैं। ये स्वभाव के जिद्दी और ईमानदार होते हैं।
कहा जाता है कि मूल नक्षत्र में जन्मे लोग एक बार जो ठान लेते हैं उसे करके ही दम लेते हैं। इस नक्षत्र के लोग आत्मविश्वासी और दृढ़ निश्चयी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस नक्षत्र में जन्मे लोगों की निर्णय लेने की क्षमता अच्छी होती है। यह कम उम्र में ही अपने भविष्य के फैसले ले लेते हैं।
जाने मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों का स्वभाव और व्यक्तित्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूल नक्षत्र में जन्मे लोग दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। यह अपने भविष्य की चिंता करते हैं। हर समय आगे बढ़ने के बारे में सोचते हैं। ये लोग मुश्किल से मुश्किल कार्य को भी आसानी से करने की क्षमता रखते हैं। इनमें धैर्य गजब का होता है।
ये लोग अपने परिवार के प्रति समर्पित होते हैं और सभी की छोटी-छोटी चीजों का ख्याल रखते हैं। ये अच्छे दोस्त भी साबित होते हैं। ये जल्दी किसी के साथ घुलते-मिलते नहीं है, लेकिन एक बार रिश्ता बनाने के बाद उसे हमेशा निभाते हैं। मूल नक्षत्र के लोग आमतौर माता-पिता भक्त होते हैं।