हिंदू धर्म में पूर्वजों के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए पूरा एक पखवारा ही पितृ पक्ष् के नाम से जाना जाता है। इस समय पितृ पक्ष चल रहा है।
पितृ पक्ष् दशमी तिथि: हिंदू धर्म में पूर्वजों के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए पूरा एक पखवारा ही पितृ पक्ष् के नाम से जाना जाता है। इस समय पितृ पक्ष चल रहा है। शास्त्रों के अनुसार,पितृ के दिनों में यमलोक से धरती पर अपने प्रियजनों से मिलने के लिए पितृ गण आते है। इसलिए इस समय पितरों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। हिुदू पंचांग के अनुसार, आज दशमी तिथि् है। इस तिथि पर उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु दशमी के दिन हुई होती है।
दशमी श्राद्ध 2021: तिथि और समय
दशमी तिथि शुरू – 30 सितंबर रात 10:08 बजे
दशमी तिथि समाप्त – 1 अक्टूबर रात 11:03 बजे
दशमी तिथि श्राद्ध के दिन सुबह स्नान के बाद भोजन की तैयारी करें। भोजन को पांच भागों में विभाजित करके ब्राह्मण भोज कराएं। श्राद्ध के दिन ब्राह्मण भोज से पहले पंचबली भोग लगाना जरूरी होता है। नहीं तो श्राद्ध को पूरा नहीं माना जाता। पंचबली भोग में गाय, कुत्ता, कौवा, चींटी और देव आते हैं। इन्हें भोग लगाने के बाद ही ब्राह्मण भोग लगाया जाता है। उन्हें दान-दक्षिणा देने के बाद सम्मान के साथ विदा करें। उसके बाद ही खुद भोजन ग्रहण करें।