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जलियांवाला बाग के नए परिसर का पीएम मोदी ने किया उद्धाटन, कहा-पवित्र मिट्टी को मेरा प्रणाम

जलियांबाला बाग स्मारक (Jallianbala Bagh Memorial) के पुनर्निर्मित परिसर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शानिवार को उद्धाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्धाटन के बाद पीएम मोदी (Pm Modi) ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, पंजाब की वीर भूमि को जलियांवाला बाग (Jallianbala Bagh) की पवित्र मिट्टी को, मेरा प्रणाम।

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। जलियांबाला बाग स्मारक (Jallianbala Bagh Memorial) के पुनर्निर्मित परिसर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शानिवार को उद्धाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्धाटन के बाद पीएम मोदी (Pm Modi) ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि, पंजाब की वीर भूमि को जलियांवाला बाग (Jallianbala Bagh) की पवित्र मिट्टी को, मेरा प्रणाम। मां भारती की उन संतानों को भी नमन, जिनके भीतर जलती आज़ादी की लौ को बुझाने के लिए अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं।

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पीएम ने कहा कि, वो मासूम बालक-बालिकाएं, वो बहनें, वो भाई, जिनके सपने आज भी जलियांवाला बाग (Jallianbala Bagh) की दीवारों में अंकित गोलियों के निशान में दिखते हैं। वो शहीदी कुआं, जहां अनगिनत माताओं-बहनों की ममता छीन ली गई, उनका जीवन छीन लिया गया। उन सभी को आज हम याद कर रहे हैं।

पीएम मोदी (Pm Modi) ने कहा कि, जलियांवाला बाग (Jallianbala Bagh) वो स्थान है जिसने सरदार उधम सिंह, सरदार भगत सिंह जैसे अनगिनत क्रांतिवीरों, बलिदानियों, सेनानियों को हिंदुस्तान की आजादी के लिए मर-मिटने का हौसला दिया। पीएम ने कहा कि, 13 अप्रैल 1919 के वो 10 मिनट, हमारी आजादी की लड़ाई की वो सत्यगाथा बन गए, जिसके कारण आज हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना पा रहे हैं।

ऐसे में आज़ादी के 75वें वर्ष में जलियांवाला बाग (Jallianbala Bagh) स्मारक का आधुनिक रूप देश को मिलना, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा का अवसर है। पीएम ने कहा कि, जलियांवाला बाग जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी है। पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं।

विभाजन के समय जो कुछ हुआ, उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के हर कोने में और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हम अनुभव करते हैं। पीएम ने कहा कि, किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है। इसलिए, भारत ने 14 अगस्त को हर वर्ष ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है

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