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सूफी सन्त मालिक मोहम्मद जायसी समाधि स्थल पर बही काव्य रसधार

सूफी सन्त मालिक मोहम्मद जायसी की समाधि स्थल रामनगर मे मंगलवार को अवधी साहित्य संस्थान अमेठी की ओर से कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह किया गया। शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती, तुलसी एवं सूफी सन्त मालिक मोहम्मद जायसी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ।

By शिव मौर्या 
Updated Date

अमेठी। सूफी सन्त मालिक मोहम्मद जायसी की समाधि स्थल रामनगर मे मंगलवार को अवधी साहित्य संस्थान अमेठी की ओर से कवि सम्मेलन, सम्मान समारोह किया गया। शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती, तुलसी एवं सूफी सन्त मालिक मोहम्मद जायसी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ अनिरुद्ध मिश्र की वाणी वन्दना से हुआ। कवि सम्मेलन में कवि, साहित्यकारों में अंजनी अमोघ,सुधाकान्त मिश्र बेलाला, शिवाकांत त्रिपाठी सरस मध्यप्रदेश, मनोज मिश्र कप्तान दिल्ली, शान्ति मिश्रा गुंजन,अजय प्रधान, प्रमोद महाजन, ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, राजेन्द्र शुक्ल अमरेश,विजयनाथ पाण्डेय, सुरेश शुक्ल नवीन, रामबदन पथिक, रामेश्वर सिंह, संजय पाण्डेय, सुधीर रंजन द्विवेदी, अर्चना ओजश्वी, आदि ने अपनी अपनी विधाओं में काव्य पाठ से स्रोताओं को गुदगुदागाया।

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सम्मान समारोह के अवसर पर “अवध ज्योति नवगीत” विशेषांक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि अवधी अवध संस्कृति की धरोहर है। श्री रामचरितमानस, पद्मावत अवधी ,अवधी संस्कृति की पहचान है। मुख्य वक्ता अवध भारती संस्थान अध्यक्ष डॉ रामबहादुर मिश्र ने कहा कि हमने अवधी भाषा समूचे देश दुनिया में फैलाने के लिए बीसों देशों की यात्राएं की। एक न एक दिन अवधी सारी दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब होगी।

मुख्य अतिथि निदेशक आकाशवाणी प्रयागराज लोकेश शुक्ल ने कहा कि श्रीराम की धरती साहित्य के क्षेत्र में भी उर्वरा है। अवधी में ही संस्कृति रची बसी है। अध्यक्षता करते हुए नार्वे से पधारे डॉ सुरेश चन्द शुक्ल ने कहा कि एक साहित्यकार समाज को बखूबी समझता है। अपनी रचनाओं से समाज को आगे ले जाने का करता है। भाषा विज्ञानी सुधाकर तिवारी ने कहा कि अवधी बघेली भोजपुरी एक ही समूह की भाषा है, जिसमें कालान्तर विभेद देखने को मिलता है।

सम्मान समारोह में इक्कीस अवधी साहित्यकारों को तुलसी, जायसी, अवधी सम्मान से सम्मानित किया गया, जिनमें लोकेश शुक्ल, डॉ सुरेश चन्द शुक्ल ‘शरद आलोक’ डॉ रामबहादुर मिश्र, डॉ दयाराम मौर्य रत्न, मिथलेश शुक्ल, डॉ सत्या सिंह,दिलीप कुमार दुवे, मनोज मिश्र कप्तान, प्रदीप सारंग, रत्नेश कुमार गौतम, डॉ अरुण कुमार मिश्र, अंजनी अमोघ, संगम लाल त्रिपाठी भंवर, राजमूर्ति सौरभ,अनुज नागेन्द्र, अरुण कुमार त्रिपाठी, डॉ अंगद सिंह,आल्हा सम्राट रामरथ पाण्डेय आदि प्रमुख रहे।

आल्हा सम्राट राम रथ पाण्डेय ने आल्हा गायन से सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर दिनेश तिवारी, पी एन मिश्र, विजय कुमार शुक्ल, श्रीनाथ शुक्ल, विजय कुमार मिश्र, डॉ अभिमन्यु कुमार पाण्डेय, राधे श्याम तिवारी, सत्येन्द्र प्रकाश शुक्ल की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही। इस अवसर कार्यक्रम मे भारी भीड रही।

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