सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस एनवी रमन्ना शनिवार को देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पद की शपथ ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में जस्टिस रमन्ना को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। बता दें कि चीफ जस्टिस एसए बोबड़े के 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद आज जस्टिस एनवी रमन्ना ने 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस एनवी रमन्ना शनिवार को देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पद की शपथ ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में जस्टिस रमन्ना को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। बता दें कि चीफ जस्टिस एसए बोबड़े के 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद आज जस्टिस एनवी रमन्ना ने 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रमन्ना का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक है। वह दो साल से भी कम समय के लिए मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे। बता दें कि रमन्ना आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पहले ऐसे जज होंगे, जो मुख्य न्यायाधीश बन रहे हैं।
कौन हैं जस्टिस रमन्ना?
आंध्र प्रदेश में 27 अगस्त, 1957 को कृष्णा जिले के पुन्नावरम गांव में किसान परिवार में पैदा हुए नातुलापति वेंकट रमन्ना ने विज्ञान और कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की। रमन्ना ने 10 फरवरी, 1983 को वकील के रूप में न्यायिक करियर शुरू किया।इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। 27 जून 2000 को वो आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए। उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम किया। न्यायाधीश रमन्ना को 2 सितंबर, 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया।
जस्टिस रमन्ना को 17 फरवरी, 2014 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किए गए। यहां उन्होंने कई चर्चित और अहम मुकदमों की सुनवाई करने वाली पीठ की अगुआई की या फिर पीठ के सदस्य रहे। इनमें इंटरनेट के जरिए सूचना पाने के अधिकार को मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाना अहम रहा है।