प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सहित कई नेताओं ने सोमवार को संसद के बालयोगी ऑडिटोरियम में फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' (The Sabarmati Report) देखी। इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) सहित कई मंत्री और सांसद के अलावा फिल्मी कलाकार मौजूद थे।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सहित कई नेताओं ने सोमवार को संसद के बालयोगी ऑडिटोरियम में फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ (The Sabarmati Report) देखी। इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) सहित कई मंत्री और सांसद के अलावा फिल्मी कलाकार मौजूद थे। अब इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे (Priyank Kharge) ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) पर निशाना साधा है और कहा है कि प्रधानमंत्री असली ‘मणिपुर फाइल्स’ (Manipur Files) कब पढ़ेंगे और भारत के लोगों को वास्तविक ‘मणिपुर स्टोरी’ (Manipur Story) कब बताएंगे?
PM @narendramodi has time for viewing, applauding, reviewing and publicizing films like Kashmir Files, Sabarmati Report etc, but no time to run the Parliament, explain the state of economy, addressing unemployment issues or visiting Manipur.
When will PM read the real… https://t.co/7kO4t88WK0
— Priyank Kharge / ಪ್ರಿಯಾಂಕ್ ಖರ್ಗೆ (@PriyankKharge) December 2, 2024
पीएम मोदी को बताया सबसे बेहतरीन इवेंट मैनेजर
प्रियांक खरगे (Priyank Kharge) ने एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास कश्मीर फाइल्स, साबरमती रिपोर्ट जैसी फिल्मों को देखने, उनकी सराहना करने, उनकी समीक्षा करने और उनका प्रचार करने के लिए समय है, लेकिन संसद चलाने, अर्थव्यवस्था की स्थिति को समझाने, बेरोजगारी के मुद्दों को संबोधित करने या मणिपुर का दौरा करने के लिए समय नहीं है। प्रधानमंत्री असली ‘मणिपुर फाइल्स’ कब पढ़ेंगे और भारत के लोगों को वास्तविक ‘मणिपुर स्टोरी’ (Manipur Story) कब बताएंगे? मोदी निस्संदेह देश के अब तक के सबसे बेहतरीन इवेंट मैनेजर और खुद के मास्टर ऑफ सेरेमनी हैं।
पीएम मोदी ने देखी फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसदों के साथ फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ देखी। प्रधानमंत्री ने संसद के पुस्तकालय भवन स्थित बालयोगी सभागार में विक्रांत मैसी अभिनीत यह फिल्म देखी। दिग्गज अभिनेता जितेंद्र और राशि खन्ना सहित कुछ अन्य कलाकारों ने भी फिल्म देखी और फिर संवाददाताओं को बताया कि पीएम मोदी ने उन्हें बताया कि यह प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली फिल्म है, जो उन्होंने देखी है। पीएम मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी समेत अन्य नेता मौजूद थे। फिल्म देखने के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मोदी ने फिल्म के निर्माताओं के प्रयासों की सराहना की।
फिल्म में मुख्य किरदार निभाने वाले मैसी ने कहा कि मोदी के साथ फिल्म देखने का अनुभव अलग रहा, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की और लोगों से फिल्म देखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके करियर का एक महत्वपूर्ण क्षण रहा। फिल्म अभिनेता जितेंद्र ने संवाददाताओं से कहा कि यह पहली बार है, जब उन्होंने बेटी एकता कपूर के कारण प्रधानमंत्री के साथ फिल्म देखी है। अपने समय के हिंदी फिल्म जगत के प्रमुख अभिनेताओं में से एक रहे जितेंद्र ने कहा, ‘उन्होंने (मोदी) मुझसे कहा कि यह प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके द्वारा देखी गई पहली फिल्म है। अभिनेत्री राशि खन्ना ने भी इसी तरह की टिप्पणी की और अनुभव पर खुशी व्यक्त की. सत्तारूढ़ भाजपा ने सक्रियता से इस फिल्म का प्रचार किया है और कई राज्य सरकारों ने इसे कर-मुक्त किया है।
साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की घटना पर आधारित है फिल्म
धीरज सरना द्वारा निर्देशित इस फिल्म में 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की घटना के पीछे की सच्चाई को उजागर करने का दावा किया गया है, जिसमें एक धार्मिक समारोह में भाग लेने के बाद अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. 15 नवंबर को रिलीज हुई ‘द साबरमती रिपोर्ट’ में विक्रांत मैसी के अलावा राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा मुख्य भूमिका में हैं।
घटना के समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे हुए और राज्य पुलिस ने ट्रेन के कुछ डिब्बों में आग लगाने के लिए मुस्लिम भीड़ को दोषी ठहराया था। पुलिस द्वारा चार्जशीट किए गए कई आरोपियों को बाद में अदालतों में दोषी ठहराया गया था। इस घटना से बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था, क्योंकि कांग्रेस के सहयोगी और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा गठित जांच आयोग ने दावा किया था कि आग एक दुर्घटना थी। हालांकि, गुजरात हाई कोर्ट ने इसके निष्कर्षों को रद्द कर दिया था और आयोग को असंवैधानिक करार दिया था।