लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) शुक्रवार को झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) के दौरान मेहरमा में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर संविधान को ‘कूड़ेदान में डालने की कोशिश करने’ का आरोप लगाया।
मेहरमा। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) शुक्रवार को झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) के दौरान मेहरमा में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर संविधान को ‘कूड़ेदान में डालने की कोशिश करने’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने संविधान पढ़ा होता तो उन्होंने नफरत नहीं फैलाई होती और समाज को नहीं बांटा होता।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने चुनावी रैली में दावा किया कि भाजपा संविधान को कूड़ेदान में डालने की कोशिश कर रही है। हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पढ़ा होता तो उन्होंने नफरत नहीं फैलाई होती और समाज को नहीं बांटा होता।
LIVE: Shri @RahulGandhi addresses the public in Meharma, Jharkhand. https://t.co/xspPMl9jps
— Congress (@INCIndia) November 15, 2024
उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हमारी ‘मोहब्बत की दुकान’ है, उनका ‘नफरत का बाजार’ है। हम भाजपा की ‘नफरत और हिंसा’ को मोहब्बत से खत्म कर सकते हैं। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि वह गरीबों का सम्मान करते हैं लेकिन वह कृषि ऋण तो माफ नहीं करते।
मोदी पर उन्होंने मुंबई के धारावी में एक लाख करोड़ रुपये की जमीन उद्योगपतियों को सौंपने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी से नहीं डरते। वह तो अरबपतियों की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। लंबे समय से जाति आधारित जनगणना की वकालत करने वाले कांग्रेस नेता ने कहा कि यह जनगणना तो होकर रहेगी।
उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना भारत की तस्वीर बदल देगी। यह संस्थानों में आदिवासियों, दलितों और ओबीसी की स्थिति उजागर करेगी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस साल की शुरुआत में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand Chief Minister Hemant Soren) की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में जनता द्वारा निर्वाचित आदिवासी मुख्यमंत्री को भाजपा ने सलाखों के पीछे डाल दिया था।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। करीब पांच महीने जेल में बिताने के बाद 28 जून को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा किया गया।