नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का 15 फरवरी को राज्यसभा में कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) राज्यसभा में विपक्ष के नेता होंगे। उन्हें विपक्ष का नेता नामित किया गया है। इस बात की जानकारी संगठन के महासचिव वेणुगोपाल ने दी।
इसके साथ ही वेणुगोपाल ने कहा कि इस बारे में राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू को कांग्रेस ने जानकारी दी है कि पार्टी की तरफ से आजाद के रिटायर होने के बाद खड़गे को नामित किया गया है। आपको बता दें, राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा चाहते थे कि उन्हें विपक्ष का नेता बनाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दरअसल, बताया जाता है कि मल्लिकार्जुन खड़गे राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं। हालांकि, पार्टी ने उन्हें 2019 में लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद राज्यसभा में मौका दिया।
वहीं, कयास लगाए जा रहे हैं कि गुलाम नबी आजाद को एक बार फिर विपक्ष का नेता बनने का मौका मिल सकता है। मगर इसके लिए उन्हें दो महीने के बाद केरल से जीत कर आना होगा। दरअसल, केरल की तीन सीटें अप्रैल में खाली होने वाली हैं। ऐसे में कांग्रेस उसमें से एक को बरकरार रख सकती है। लेकिन अगर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार आजाद के लिए केरल चुनाव जीतना आसान नहीं होगा।