एण्डटीवी का शो ‘एक महानायक डॉ. बी.आर.आम्बेडकर‘ आने वाली 20 जुलाई को एक नये चरण में प्रवेश कर रहा है। इस शो की आगे आने वाली कहानी में नारायणी महेश वरणे, रमाबाई भीमराव आम्बेडकर का किरदार निभाती नजर आयेंगी। नई सदी नया शहर, नया विचार, पर भेदभाव.....असमानता का नहीं छूटा साथ।
नई दिल्ली: एण्डटीवी का शो ‘एक महानायक डॉ. बी.आर.आम्बेडकर‘ आने वाली 20 जुलाई को एक नये चरण में प्रवेश कर रहा है। इस शो की आगे आने वाली कहानी में नारायणी महेश वरणे, रमाबाई भीमराव आम्बेडकर का किरदार निभाती नजर आयेंगी। नई सदी नया शहर, नया विचार, पर भेदभाव…..असमानता का नहीं छूटा साथ। भीमराव करेंगे असमानता के खिलाफ संघर्ष की शुरूआत, क्या आप इस न्याय की लड़ाई में देंगे भीमराव का साथ? नारायणी महेश वरणे ने बातचीत के दौरान रमाबाई के अपने किरदार, इसके लिए की गई तैयारी के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने कई चीजों पर चर्चा की।
इस भूमिका को पाने के लिये मुझे कई सारे ऑडिशन देने पड़े। जब मुझे बताया गया कि मेरा इस किरदार के लिये सिलेक्शन हो गया तो मैं तो जैसे सातवें आसमान पर थी ‘एक महानायक डॉ. बी.आर.आम्बेडकर‘ शो भारतीय टेलीविजन पर आज सबसे चर्चित शोज़ में से एक है।
मैंने इस शो को काफी गौर से देखा है और यह मेरा और मेरे परिवार का सबसे चहेता शो है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस शो में एक अहम किरदार निभाने का मौका मिलेगा। लेकिन रमाबाई का किरदार निभाने के लिये चुने जाने पर मैं बहुत ज्यादा उत्सुक और खुश हूं। मुझे एक बेहतरीन लर्निंग एक्सपीरियंस का बेसब्री से इंतजार है।
इस किरदार में ढलने के लिये मैं काफी रीडिंग मटेरियल पढ़ रही हूं। साथ ही शो के सम्मानित रिसर्चर हरि नारके सर ने भी काफी विस्तार से चीजों को समझाया है। उनके द्वारा कराये गये वर्कशाॅप में भी हम शामिल हुये ताकि हम सभी अपनी-अपनी भूमिकाओं की तैयारी कर सकें और हमें अपने किरदारों को गहराई से समझने में मदद मिल सके। जहां तक लुक की बात है तो उसके लिये स्क्रीन टेस्ट किया गया और उसके अनुसार ही चीजें फाइनल की गयीं। अब एपिसोड्स की शूटिंग के साथ-साथ बाकी बारीकियों पर भी काम किया जायेगा।
रमाबाई भीमराव आम्बेडकर, बाबासाहेब की पत्नी थीं। वह अभिव्यक्ति में माहिर थीं और उनकी अपनी एक सोच थी। वह इस व्यवस्था को मानती थीं, ‘नया सवेरा, नया जीवन‘। यह उनका अटूट विश्वास ही था जिसने उन्हें सारी चुनौतीभरी स्थितियों से उबरने में मदद की। सामाजिक अन्याय और अत्याचारों के बीच उन्होंने अपना सिर हमेशा ऊंचा रखा। भले ही रमाबाई ने औपचारिक शिक्षा नहीं पायी थी लेकिन यह बात उन्हें उत्पीड़ित समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के लिये खड़े होने से रोक नहीं पायी। रमाबाई आम्बेडकर उन महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने चुप रहकर डॉ. आम्बेडकर का साथ दिया, यही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी। वह नम्रता, दृढ़ता और करूणा का प्रतीक हैं। रमाबाई आम्बेडकर से काफी बातें सीखने लायक हैं, जिसे दर्शक आगे आने वाले एपिसोड्स में देख पायेंगे।
उनकी ऐसी कौन सी सीख है जिसे आप अपने जीवन में उतारना चाहेंगी या उसका पालन करना चाहेंगी? इस शो को साइन करने के बाद प्रोडक्शन टीम और इस शो के सम्मानित रिसर्चर हरि नारके सर ने मुझे काफी विस्तार से सब कुछ बताया था। हमने डॉ. आम्बेडकर के बारे में पढ़ा है और हमें उनकी उपलब्धियां मालूम हैं। वह भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता थे। लेकिन उनके बचपन और संघर्षों के बारे में हमारी जानकारी सीमित थी। हालांकि, इस शो का हिस्सा बनने के बाद, जिसमें उनके जीवन की कहानी बतायी गयी है, मुझे उनके बारे में काफी कुछ जानने का मौका मिला। वे अपने समुदाय और समाज में जो क्रांति लेकर आये उसके बारे में मैंने काफी कुछ जाना।
डॉ. आम्बेडकर के जीवन से जुड़ी जिस एक चीज ने मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित किया वह है शिक्षा का महत्व। डॉ. आम्बेडकर सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे और सबसे शिक्षित लीडर्स में से एक थे। उनसे यह बात सीखने को मिलती है कि किस तरह वे शिक्षा के बल पर अपनी और दूसरों की जिंदगी में बदलाव लेकर आये।
हां, हमने शूटिंग शुरू कर दी है और अब तक का अनुभव सीखने वाला ही रहा है। मैं हमेशा से ही इसी तरह का अहम किरदार निभाना चाहती थी। तो मैं कह सकती हूं कि इस शो के माध्यम से मैं अपने सपने को जी रही हूं। इस शो की पूरी टीम ही काफी अच्छी और मिलनसार है। मैं तुरंत ही पूरी कास्ट के साथ घुलमिल गयी। मुझे उम्मीद है कि इस सफर में मैं कई सारी उपलब्धियां हासिल करूंगी और अपनी नयी आॅन-सेट फैमिली के साथ ढेर सारी यादें बनाऊंगी।