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रामानुजाचार्य जी विशाल मूर्ति Statue of Equality के रूप में हमें समानता का संदेश दे रही है: पीएम मोदी

एक ओर वो समृद्ध सन्यास परंपरा के संत भी हैं, और दूसरी ओर गीता भाष्य में कर्म के महत्व को भी प्रस्तुत करते हैं। वो खुद भी अपना पूरा जीवन कर्म के लिए समर्पित करते हैं। आज जब दुनिया में सामाजिक सुधारों की बात होती है, प्रगतिशीलता की बात होती है, तो माना जाता है कि सुधार जड़ों से दूर जाकर होगा। लेकिन, जब हम रामानुजाचार्य जी को देखते हैं, तो हमें अहसास होता है कि प्रगतिशीलता और प्राचीनता में कोई विरोध नहीं है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को हैदराबाद के शमशाबाद में श्री रामनुजाचार्य (Sri Ramanujacharya) की याद में 216 फी की ऊंची ‘Statue of Equality’ का अनावरण किया। साथ ही उन्होंने श्रीरामनगर स्थित रामानुजाचार्य के मंदिर परिसर स्थित एक यज्ञशाला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, आज मां सरस्वती की आराधना के पावन पर्व, बसंत पंचमी का शुभ अवसर है। मां शारदा के विशेष कृपा अवतार श्री रामानुजाचार्य जी की प्रतिमा इस अवसर पर स्थापित हो रही है।

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मैं आप सभी को बसंत पंचमी की विशेष शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि, जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य जी (Sri Ramanujacharya) की इस भव्य विशाल मूर्ति के जरिए भारत मानवीय ऊर्जा और प्रेरणाओं को मूर्त रूप दे रहा है। रामानुजाचार्य जी (Sri Ramanujacharya) की ये प्रतिमा उनके ज्ञान, वैराग्य और आदर्शों की प्रतीक है। भारत एक ऐसा देश है, जिसके मनीषियों ने ज्ञान को खंडन-मंडन, स्वीकृति-अस्वीकृति से ऊपर उठकर देखा है। पीएम ने कहा कि, एक ओर रामानुजाचार्य जी के भाष्यों में ज्ञान की पराकाष्ठा है, तो दूसरी ओर वो भक्तिमार्ग के जनक भी हैं।

एक ओर वो समृद्ध सन्यास परंपरा के संत भी हैं, और दूसरी ओर गीता भाष्य में कर्म के महत्व को भी प्रस्तुत करते हैं। वो खुद भी अपना पूरा जीवन कर्म के लिए समर्पित करते हैं। आज जब दुनिया में सामाजिक सुधारों की बात होती है, प्रगतिशीलता की बात होती है, तो माना जाता है कि सुधार जड़ों से दूर जाकर होगा। लेकिन, जब हम रामानुजाचार्य जी को देखते हैं, तो हमें अहसास होता है कि प्रगतिशीलता और प्राचीनता में कोई विरोध नहीं है।

ये जरूरी नहीं है कि सुधार के लिए अपनी जड़ों से दूर जाना पड़े। बल्कि जरूरी ये है कि हम अपनी असली जड़ो से जुड़ें, अपनी वास्तविक शक्ति से परिचित हों। पीएम मोदी ने कहा कि, आज रामानुजाचार्य जी (Sri Ramanujacharya)  विशाल मूर्ति Statue of Equality के रूप में हमें समानता का संदेश दे रही है। इसी संदेश को लेकर आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ अपने नए भविष्य की नींव रख रहा है।

 

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