कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत में कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस ज़िम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सचमुच सरदार वल्लभभाई पटेल के विचारों का सम्मान करते हैं, तो उन्हें आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला लेना चाहिए।
नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress National President Mallikarjun Kharge) ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत में कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस ज़िम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सचमुच सरदार वल्लभभाई पटेल के विचारों का सम्मान करते हैं, तो उन्हें आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला लेना चाहिए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये मेरे निजी विचार हैं और मैं खुले तौर पर कहता हूं कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। अगर प्रधानमंत्री वल्लभभाई पटेल के विचारों का सम्मान करते हैं, तो ऐसा होना चाहिए। देश में सभी बुराइयां और कानून-व्यवस्था की सभी समस्याएं भाजपा और आरएसएस की देन हैं। सरदार पटेल के बारे में बोलते हुए खड़गे ने कहा कि उन्होंने और भारत की लौह महिला इंदिरा गांधी ने देश की एकता बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे सरदार पटेल के पत्र को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिस तरह गांधी जी की मृत्यु के बाद आरएसएस ने खुशी मनाई थी। उसे देखते हुए उन पर प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस ने मिठाइयां बाँटी थीं। खड़गे ने कहा कि पटेल ने एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि जिस तरह से आरएसएस के लोगों ने गांधी की हत्या पर खुशी मनाई थी, उसके बाद उन पर प्रतिबंध लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। उन्होंने यह पत्र श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखा था। संघ के लोगों के भाषण ज़हर से भरे होते हैं, उन्होंने गांधी की हत्या के बाद मिठाइयाँ बांटीं। उन्होंने यह पत्र गोलवलकर को भी लिखा था। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और राज्य के स्वामित्व वाले मंदिरों में आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने का आग्रह किया था। उन्होंने संगठन पर युवा दिमागों का ब्रेनवॉश करने और संविधान के खिलाफ बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी श्रद्धांजलि दी।