भक्तों पर शीघ्र कृपा करने वाले भगवान शिव का आर्शिवाद पाने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। जब प्रदोष व्रत का व्रत रविवार के दिन पड़ता है तो इसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं।
Ravi Pradosh Vrat 2022 Date : भक्तों पर शीघ्र कृपा करने वाले भगवान शिव का आर्शिवाद पाने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। जब प्रदोष व्रत का व्रत रविवार के दिन पड़ता है तो इसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं। इस व्रत का पालन करने से अच्छे स्वास्थ्य, प्रसिद्धि, सम्मान और लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। दांपत्य जीवन सुखमय बनाने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव के आर्शिवाद से दांपत्य जीवन में कोई कठिनाई नहीं आती।आइए जानते हैं ज्येष्ठ प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त।
आषाढ़ माह का रवि प्रदोष व्रत 26 जून को है। हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। 26 जून को प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 23 मिनट तक है।
रवि प्रदोष व्रत के उपाय
1. यदि आपके दांपत्य जीवन में किसी प्रकार की समस्या है, तो आप प्रदोष व्रत के दिन गाय के दूध में केसर और फूल डाले दें और उससे भगवान शिव का अभिषेक करें। इससे पति और पत्नी के बीच संबंध मधुर रहेंगे।
2.उत्तम जीवनसाथी की मनोकामना पूर्ति के रवि प्रदोष के दिन इस उपाय को कर सकते हैं।
3. मनोकामना पूर्ति के लिए ओम नमः: शिवाय मंत्र का जाप करें या फिर पूजा के समय बेलपत्र पर ओम नमः: शिवाय लिकर भगवान भोलेनाथ को चढ़ाएं।