पश्चिमी यूपी में होने वाले पहले चरण के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पर सीधा निशाना साधा है। पार्टी के यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान उनको पिता की याद दिलाते हुए कहा है कि जयंत अभी बच्चे हैं। बता दें कि भाजपा जयंत चौधरी को चुनाव से पहले अपने पाले में लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
लखनऊ। पश्चिमी यूपी में होने वाले पहले चरण के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पर सीधा निशाना साधा है। पार्टी के यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान उनको पिता की याद दिलाते हुए कहा है कि जयंत अभी बच्चे हैं। बता दें कि भाजपा जयंत चौधरी को चुनाव से पहले अपने पाले में लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
राष्ट्रीय लोक दल समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है। जिस कारण भाजपा पश्चिमी यूपी (West Uttar Pradesh)में खुद को कमजोर महसूस कर रही है। भाजपा नेता और भारत सरकार में गृह मंत्री अमित शाह ने जयंत को साथ आने का न्योता दिया था। उनके दिये न्योते के जवाब में जयंत चौधरी ने कहा कि मैं कोई चवन्नी नहीं हूं कि पलट जाउं।
उनके दिये इस बयान को लेकर के धर्मेंद्र प्रधान ने उनको उनके पिता की याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि जयंत को मालूम होना चाहिए कि उनके पापा जब पहली बार चुनाव लड़े थे तो उनका किसके साथ गठबंधन था। जयंत अभी बच्चे हैं उनको अभी अपना खुद का इतिहास भी नहीं पता है।
जानें पहली बार किस पार्टी से था अजित सिंह की पार्टी का गठबंधन
देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह(Ajeet Singh) ने साल 1980 में राजनीतिक सफर का आगाज किया था। पिछले साल कोरोना की वजह से निधन से पहले करीब तीन दशक के लंबे राजनीतिक सफर में उन्होंने कई बार अलग-अलग दलों से गठबंधन किया।
1999 में बीजेपी के साथ गठबंधन करके अजित सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने तो 2002 में उन्होंने गठबंधन तोड़कर 2004 के लोकसभा चुनाव में आरएलडी ने सपा के साथ गठबंधन किया। 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा और आरएलडी की राहें फिर अलग हो गईं। 2009 के लोकसभा चुनाव में आरएलडी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया।
2011 में अजित सिंह यूपीए-2 का हिस्सा बहनकर मंत्री बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी आरएलडी कांग्रेस के साथ लड़ी। 2017 में कांग्रेस और सपा के साथ आने पर आरएलडी को दरकिनार कर दिया गया तो 2019 के लोकसबा चुनाव में रालोद को बसपा और सपा गठबंधन का हिस्सा बनाया गया। 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सपा ने रालोद से गठबंधन किया है।