Respect For Tiranga : राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2024) को सिर्फ एक हफ्ते का समय रह गया है। जिसको देखते हुए गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें 26 जनवरी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में उपयोग किए जाने वाले कागज से बने भारतीय झंडे को समारोह खत्म होने के बाद जमीन पर ना फेंका जाए, यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
Respect For Tiranga : राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2024) को सिर्फ एक हफ्ते का समय रह गया है। जिसको देखते हुए गृह मंत्रालय (MHA) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें 26 जनवरी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में उपयोग किए जाने वाले कागज से बने भारतीय झंडे को समारोह खत्म होने के बाद जमीन पर ना फेंका जाए, यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
दरअसल, कई बार राष्ट्रीय पर्वों खासकर गणतंत्र दिवस (Republic Day) और स्वतंत्रता दिवस पर महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजन के दौरान उपयोग किए जाने वाले कागज से बने राष्ट्रीय ध्वज को समारोह खत्म होने के बाद लोग जमीन पर फेंक देते हैं। इस बात को ध्यान में रखकर गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक सर्कुलर जारी किया है। गृह मंत्रालय ने कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय ध्वज देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और झंडे की गरिमा के अनुरूप कागज के तिरंगे का निजी तौर पर निपटान किया जाना चाहिए।’
इस सर्कुलर में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा, ‘कागज से बने राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों से जुड़े महत्वपूर्ण अवसरों पर ‘भारत के ध्वज संहिता के भाग- II के पैराग्राफ 2.2 के खंड (x)’ के तहत लहराया जा सकता है। आपसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि जनता द्वारा उपयोग किए जाने वाले कागज से बने झंडों को कार्यक्रम के बाद जमीन पर नहीं फेंका जाता है। ऐसे झंडों को झंडे की गरिमा के अनुरूप, निजी तौर पर निपटाया जाना चाहिए।’