RRB Scam : आरआरबी घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है। लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के साथ ही राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों के खिलाफ भी सीबीआई (CBI) ने एफआईआर दर्ज (FIR Registered) की है। एफआईआर (FIR) में 15 लोगों के नाम हैं। इनमें लालू की दो बेटियों मीसा यादव और हेमा यादव का नाम है। हेमा यादव का नाम पहली बार किसी मामले में सामने आया है।
RRB Scam : आरआरबी घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के परिवार पर शिकंजा कसता जा रहा है। लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के साथ ही राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों के खिलाफ भी सीबीआई (CBI) ने एफआईआर दर्ज (FIR Registered) की है। एफआईआर (FIR) में 15 लोगों के नाम हैं। इनमें लालू की दो बेटियों मीसा यादव और हेमा यादव का नाम है। हेमा यादव का नाम पहली बार किसी मामले में सामने आया है।
बता दें कि पहले तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, मीसा और उनके पति शैलेश का नाम अलग अलग मामलों में आ चुका है लेकिन हेमा का नाम पहली बार आया सामने आया है। सीबीआई सूत्रों की मानें तो अब सभी 15 आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। इन सभी लोगों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं।
एफआईआर (FIR) में कई ऐसे लोग हैं जो लालू के गांव गोपालगंज के रहने वाले हैं। यह वह लोग हैं जिनके नाम जमीन की रजिस्ट्री कराई गई थी। एफआईआर में पहला नाम लालू यादव का है। उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया है। दूसरा नाम राबड़ी देवी और तीसरा नाम मीसा यादव का है। चौथा नाम लालू यादव की बेटी हेमा यादव का है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद और उनकी बेटी मीसा भारती के 17 ठिकानों पर जमीन के बदले नौकरी देने के सिलसिले में छापेमारी की। पटना और गोपालगंज में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए। यह छापेमारी 2004 और 2009 के बीच रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने से संबंधित है, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे।
पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में जमीन ली थी। इसी तरह की सीबीआई (CBI) छापेमारी तब की गई थी राज्य में महागठबंधन सरकार का शासन था। उस समय नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जबकि तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी निभा रहे थे। 2017 में हुई छापेमारी आईआरसीटीसी घोटाले (IRCTC Scam) से संबंधित थी।