Russia-Ukraine War : रूस व यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच पांचवें दिन भी जंग जारी है। इसी बीच रविवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन के साथ ही अमेरिका (America) व नाटो को परोक्ष परमाणु धमकी (Indirect Nuclear Threat To NATO) दे दी है। उन्होंने अपनी सेना की परमाणु इकाई को हाई अलर्ट (Nuclear High Alert) किया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या पुतिन ने सिर्फ परमाणु भभकी दी है या असल में वे महाविनाश के इन हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं?
Russia-Ukraine War : रूस व यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच पांचवें दिन भी जंग जारी है। इसी बीच रविवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन के साथ ही अमेरिका (America) व नाटो को परोक्ष परमाणु धमकी (Indirect Nuclear Threat To NATO) दे दी है। उन्होंने अपनी सेना की परमाणु इकाई को हाई अलर्ट (Nuclear High Alert) किया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या पुतिन ने सिर्फ परमाणु भभकी दी है या असल में वे महाविनाश के इन हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं?
हालांकि पुतिन की नीति-रणनीति को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। अब निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि वे क्या कर सकते हैं या क्या नहीं कर सकते? उन्होंने रूस के रक्षा मंत्री व सेना प्रमुख को अपने सामरिक परमाणु बलों को हाई अलर्ट करने का निर्देश दिया है। इसे परोक्ष धमकी माना जा सकता है, लेकिन पुतिन अपने लक्ष्य को पाने के लिए कोई भी तरीका अपना सकते हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है।
फिलहाल यह जोखिम कम है कि वह यूक्रेन जंग में अमेरिका (America) या नाटो (NATO) के दखल के जवाब में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दे सकते हैं, लेकिन यह भी मानकर बैठना गलत होगा कि पुतिन ऐसा नहीं कर सकते हैं। उनका इतिहास गवाह है कि वे देशहित में अति कठोर लेने से भी चूके नहीं हैं।
बता दें कि यूक्रेन जंग के बीच पुतिन की इस तैयारी से दुनिया के सामने परमाणु खतरा (Nuclear Threat) नए सिरे उठ खड़ा हुआ है। यह समूची दुनिया के लिए जागने का मौका है कि धरती को महाविनाश से बचाने के लिए वह एकजुट हो। सवाल यह है कि दुनियाभर के देश क्या परमाणु खतरे (Nuclear Threat) को खत्म करने के लिए मिलकर काम करेंगे या अलार्म के बटन को बंद कर फिर चैन की नींद सो जाएंगे?
हमें समझना होगा कि परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) कोई काल्पनिक शस्त्र नहीं हैं। इनका उद्देश्य आक्रामकता को रोकना और स्थिरता बनाए रखना है। लेकिन जैसे-जैसे देश अपने परमाणु हथियारों के शस्त्रागार का आधुनिकीकरण और विस्तार करते हैं, दुनिया की चिंता बढ़ जाती है। विशेषज्ञ परमाणु शस्त्रों (Nuclear Weapon) की होड़ खत्म करने की चेतावनी देते हैं, लेकिन विश्व के राजनीतिज्ञ व सेना प्रमुख उन्हें नजरअंदाज करते हैं।
ये हैं बड़े खतरे
यदि यूक्रेन जंग में अमेरिका या नाटो ने दखल दिया तो पुतिन परमाणु हमले (Nuclear Attack) का आदेश दे सकते हैं।
परमाणु हथियारों (Nuclear Weapon) का इस्तेमाल खुद को महाशक्ति साबित करने व दुश्मन सेना या देश को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।
अंतिम विकल्प के रूप में इसे ब्रह्मास्त्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
किसी पर दागी गई मिसाइल को गलती से परमाणु मिसाइल मानकर जवाब में परमाणु मिसाइल (Nuclear Missile) दागी जा सकती है।
परमाणु हथियारों के कमान एंड कंट्रोल (Nuclear Weapons Command and Control) में किसी खराबी या हादसे की वजह से भी परमाणु बटन (Nuclear Button) दब सकता है।
यूक्रेन के पास परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) नहीं हैं, लेकिन इससे परमाणु खतरा कम नहीं होता है। इस जंग के परमाणु युद्ध (Nuclear War) में बदलने की आशंका कायम है।
यूरोप के देशों के पास पर्याप्त परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) हैं और इससे जुड़े किसी देश के इरादे को समझना मुश्किल है।
रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार (Nuclear Weapon) हैं। इतना ही नहीं वह युद्ध के मैदान में चलाए जाने वाले परमाणु शस्त्रों (Nuclear Weapon) की तकनीक जानने वाला महारथी देश भी है।
दूसरी ओर यूक्रेन के सबसे शक्तिशाली रणनीतिक साझेदार अमेरिका के पास भी विशाल परमाणु भंडार (Nuclear Stockpile) है। नाटो के साझेदार फ्रांस और ब्रिटेन के पास भी उन्नत परमाणु शस्त्र (Nuclear Weapon) हैं। नाटो के सदस्य देशों बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड्स और तुर्की के पास भी अमेरिकी परमाणु हथियारों (US Nuclear Weapons) से लैस हैं।
रूस की परोक्ष परमाणु धमकी से तनाव बढ़ सकता है, हालांकि अमेरिका (America) व नाटो (NATO) शुरू से कह रहे हैं कि वे इस जंग में सीधे तौर पर शामिल नहीं होंगे।