रूस ने पहली बार यूक्रेन पर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) से हमला किया है। ICBM 5,500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज तक हमला कर सकती है। इसे खासकर न्यूक्लियर हथियार लॉन्च (Nuclear Weapon Launched) करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
नई दिल्ली। रूस ने पहली बार यूक्रेन पर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) से हमला किया है। ICBM 5,500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज तक हमला कर सकती है। इसे खासकर न्यूक्लियर हथियार लॉन्च (Nuclear Weapon Launched) करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
यूक्रेन एयरफोर्स (Ukraine Air Force) ने गुरुवार को हमले की पुष्टि की। बता दें कि रूस के तरफ से यह हमला यूक्रेन के ब्रिटिश और अमेरिकी मिसाइलों से हमले के बाद किया गया है। बुधवार को यूक्रेन ने रूस पर ब्रिटिश मिसाइल स्टॉर्म शैडो क्रूज से हमला किया था। एक रूसी सैनिक ने ऑनलाइन दावा किया कि कम से कम 12 मिसाइलें कुर्स्क इलाके में दागी गईं।
इससे पहले मंगलवार को यूक्रेन ने अमेरिकी लंबी दूरी की ATACMS बैलिस्टिक मिसाइल से रूस पर हमला किया गया था। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि यूक्रेन ब्रिटिश मिसाइलों का भी इस्तेमाल कर सकता है। रूस ने पिछले महीने कहा था कि अगर NATO देशों के हथियारों का इस्तेमाल उसकी जमीन पर होता है तो इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत समझा जाएगा।
रूस ने यूक्रेन के Dnipro शहर पर 21 नवंबर की सुबह 5 से 7 बजे के बीच ICBM मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमला किया। इस जंग में पहली बार इंटरकॉन्टीनेंट बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया गया है। संभावना है कि इसके लिए रूस ने RS-26 Rubezh मिसाइलों का इस्तेमाल किया हो,जिसे अस्त्राखान इलाके से दागा गया था। इस मिसाइल के अलावा किंझल हापरसोनिक और केएच-101 क्रूज मिसाइलों से भी हमला किया गया है। यूक्रेनी वायुसेना (Ukraine Air Force) ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके महत्वपूर्ण संस्थानों, इमारतों और ढांचों को नुकसान पहुंचा है। इस हमले में गैर-परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया गया है। क्रूज मिसाइलों को दागने के लिए रूस ने अपने लंबी दूरी के बमवर्षकों Tu-95MS का इस्तेमाल किया है। ये बमवर्षक वोल्गोग्राड इलाके से उड़े थे। जबकि किंझल हाइपरसोनिक मिसाइलों को ताम्बोव इलाके से उड़े MiG-31K फाइटर जेट से दागा गया था।
रूस का दावा- ब्रिटिश मिसाइल स्टॉर्म शैडो को मार गिराया
इस बीच रूस की तरफ से दावा किया गया है कि उसके हवाई डिफेंस सिस्टम (Air Defense System) ने दो ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइलों को मार गिराया है। इन मिसाइलों को यूक्रेन ने रूस की तरफ दागा था। पहली बार यूक्रेन ने इस मिसाइल का इस्तेमाल रूस के खिलाफ किया था।
किंझल मिसाइल को ट्रैक करना, मार गिराना आसान नहीं
इसे ट्रैक करना मुश्किल होता है। बहुत ही ज्यादा सटीक, मारक और घातक होती है। यह एयर लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (ALBM) की श्रेणी में आती है। आमतौर पर इसे जमीन और पानी में चल फिर रहे या छिपे हुए टारगेट पर दागा जाता है। यह आवाज की गति से 10 गुना ज्यादा स्पीड में चलती है। यानी 6100 से 12,348 किमी प्रतिघंटा की रफ्ता। इसकी अधिकतम रेंज दो हजार किलोमीटर है।
परमाणु हथियार लगाकर भी दागी जा सकती है
किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल (Kinjal Hypersonic Missile) में 480 किलोग्राम वजन का परमाणु या पारंपरिक हथियार लगा सकते हैं। इसे डैगर (Dagger) भी बुलाया जाता है। इसका मतलब होता है खंजर। इससे पहले रूस ने पिछले साल इस मिसाइल का इस्तेमाल दक्षिण-पश्चिम यूक्रेन के एक अंडरग्राउंड वेयरहाउस को उड़ाने में किया था। रूस के सरकारी मीडिया संस्थान TASS की रिपोर्ट के अनुसार Russia ने अपने हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile)का प्रदर्शन पहली बार साल 2018 में किया था। रूस ने 1941-45 में जीते ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर के 73वें वर्षगांठ (73rd anniversary of the Great Patriotic War) पर विक्ट्री डे मिलिट्री परेड (Victory Day Military Parade) में रेड स्क्वायर पर प्रदर्शित किया था। उसने इसे अपने MiG-31K लड़ाकू विमान में तैनात किया है।