रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच रूस का बेरहम चेहरा सामने आया है। यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहर मौजूद बूचा में रूसी सेना मानवता का चेहरा काला कर दिया।
Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच रूस का बेरहम चेहरा सामने आया है। यूक्रेन की राजधानी कीव के बाहर मौजूद बूचा में रूसी सेना मानवता का चेहरा काला कर दिया। यूक्रेनी नागरिकों को प्रताड़ित तो किया ही उन्हें मौत की नींद सुला कर भय और आतंक का ऐलान भी किया। पूरी दुनिया में रूस के इस कृत्य की थू थू हो रही है।राजधानी कीव के बाहरी इलाके से का दृश्य किसी शमशान से कम नहीं दिख रहा। हर तफर शवों की कतारें मानवता को शर्मसार कर रही है। बाहरी इलाके से रूसी सैनिकों के हटने के बाद वहां सड़कों पर शव पड़े मिले। ये शव आम नागरिकों के प्रतीत होते हैं और इनमें से कुछ को जानबूझकर करीब से गोली मारी गई। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि बुका में “युद्ध अपराधों के स्पष्ट सबूत” हैं जो नए दंडात्मक उपायों की मांग करते हैं।
खुले में पड़े शव या जल्दबाजी में खोदी गई कब्रों में शवों की तस्वीरें सामने आने के बाद क्रेमलिन के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों की मांग की गई। इसमें रूस से ईंधन आयात में कटौती की मांग भी शामिल है। इस बीच, जर्मनी ने 40 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और लिथुआनिया ने रूसी राजदूत को बाहर कर दिया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार कीव से बाहर निकले ताकि वह बुका नगर की ‘भयावहता’ को खुद की आंखों से देख सकें जिसे उन्होंने ‘‘नरसंहार’’ एवं ‘‘युद्ध अपराध’’ करार दिया। जेलेंस्की ने कहा, ‘‘मृत लोगों के शव बेसमेंट आदि में मिले हैं और यह बात सामने आई कि उनका गला घोंटा गया और प्रताड़ित किया गया।’’
यूरोपीय नेताओं और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने रक्तपात की निंदा की। इनमें से कुछ ने इसे नरसंहार भी कहा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध अपराधों के मुकदमे का सामना करना चाहिए।