दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने छत्रसाल स्टेडियम में हुई 23 वर्षीय पहलवान सागर राणा की हत्या के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी ओलंपिक पदक विजेता अंतर्राष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार और उसके साथी अजय बक्करवाला की पुलिस रिमांड अवधि चार दिन और बढ़ा दी है।
नई दिल्ली। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने छत्रसाल स्टेडियम में हुई 23 वर्षीय पहलवान सागर राणा की हत्या के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी ओलंपिक पदक विजेता अंतर्राष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार और उसके साथी अजय बक्करवाला की पुलिस रिमांड अवधि चार दिन और बढ़ा दी है।
सुशील और अजय की छह दिन की रिमांड खत्म होने के बाद आज इन दोनों को अदालत में पेश किया गया था। पुलिस ने इस हत्याकांड से जुड़े कई जरूरी पहलुओं की जांच के लिए और सात दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने सिर्फ चार दिन की ही रिमांड मंजूर की है। पुलिस ने कहा कि सुशील कुमार से और भी पूछताछ की जानी है। इस हत्याकांड में अब तक सुशील कुमार समेत कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हत्या के मामले में मुख्य संदिग्ध 38 वर्षीय पहलवान सुशील कुमार और उसके सहयोगी अजय बक्करवाला को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने 23 मई को दिल्ली के मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपी चार मई को देर रात हुई घटना के बाद से फरार थे। पहलवान सुशील पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जबकि अजय पर 50 हजार का इनाम था। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने सुशील को रोहिणी कोर्ट में पेशकर 12 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने सिर्फ छह दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की थी।
सुशील कुमार मामले में मीडिया ट्रायल रोकने वाली याचिका खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट ने पहलवान सुशील कुमार मामले में मीडिया ट्रायल और रिपोर्टिंग को रोकने का आदेश देने की अपील करने वाली एक जनहित याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता श्रीकांत प्रसाद ने निचली अदालत के फैसले से पहले ही आरोपी सुशील कुमार को दोषी घोषित करने से मीडिया को रोकने की अपील की थी।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि इस मामले में आरोपी की निजता के अधिकार का हनन कर मीडिया को प्रत्येक सूचना पहुंचाने वाले लोगों को सामने लाने के लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित की जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि आरोपी के करियर को समाप्त करने के इरादे से मीडिया को प्रत्येक सूचनाएं पहुंचाई जा रही हैं।
इस मामले में चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने कहा कि हमें इस याचिका पर सुनवाई का कोई कारण नहीं दिखता, अगर कोई पक्ष व्यथित है तो वह अदालत जाकर अपनी समस्याएं उठा सकता है। इस मामले को जनहित याचिका में नहीं उठाया जा सकता।