माथे पर तिलक लगाने की परंपरा युगों युगों से चलती आ रही है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि देवी देवताओं की पूजा में सर्वप्रथम उनकों तिलक ही लगाया जाता है।
Sandalwood Tilak : माथे पर तिलक लगाने की परंपरा युगों युगों से चलती आ रही है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि देवी देवताओं की पूजा में सर्वप्रथम उनकों तिलक ही लगाया जाता है। अलग अलग देवी देवताओं को अलग अलग तिलक लगाए जाते है। किसी देवता को लाल तो किसी को सफेद या फिर किसी को पीला और किसी को काला तिलक लगाया जाता है। तिलक सुगंधित पदार्थ का होता है। आयुर्वेद, चंदन को एक उत्कृष्ट सौंदर्य वर्धक पदार्थ और स्वास्थ्य लाभ के रूप में बताता है। यह प्राकृतिक है। भारतीय परंपराओं में चंदन तिलक का बहुत महत्व है। इसके अलावा, यह शरीर को ठंडा करता है, एकाग्रता में सुधार करता है और फोकस बढ़ाता है। माथे पर चंदन का तिलक लगाने से ध्यान केंद्रित करने की शक्ति को बढ़ाने और ध्यान आकर्षित करने में मदद मिल सकती है।आइये जानते है चंदन की लकड़ी का तिलक किन देवताजाता है और इसकाओं को लगाया क्या प्रभाव होता है।
1.सुगंधित चंदन अपनी भीनी सुगंध के कारण देवताओं को अर्पित किया जाता है।
2.चंदन सुगंधित पेड़ की लकड़ी है।इसको घिस कर उसका लेप लगाया जाता है।
3.चंदन लाल और सफेद दो प्रकार का होता है। पौराणिक मान्यता है कि चंदन की सुगंध से कई तरह के दोषों का निवारण होता है।
4.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंदन के इस्तेमाल से राहु दोष खत्म होता है।
5.चंदन के लेप से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। भगवान विष्णु की पूजा में सफेद चंदन का इस्तेमाल किया जाता है।
6.देवी की पूजा में लाल चंदन का इस्तेमाल किया जाता है।
7.ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रह जनित दोष को दूर करने के लिए चंदन का इस्तेमाल किया जाता है।