हिंदू धर्म में पूजा पाठ अनुष्ठान में सर्वप्रथम प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश पूजा की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को विध्नविनाशक भी कहा जाता है। सप्ताह में बुधवार का दिन गणेश भगवान को समर्पित है।
Sankashti Chaturthi 2022: हिुदू धर्म में पूजा पाठ अनुष्ठान में सर्वप्रथम प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश पूजा की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को विध्नविनाशक भी कहा जाता है। सप्ताह में बुधवार का दिन गणेश भगवान को समर्पित है। प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा की जाती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी औरशुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी कृष्णपिंगल चतुर्थी कहलाती है। इस बारकृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी 17 जून, शुक्रवार को पड़ने वाली है।आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी व्रत के बारे में।
पंचांग के मुताबिक संकष्टी चतुर्थी का व्रत 17 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन चतुर्थी तिथि की शुरुआत सुबह 6 बजकर 11 मिनट से हो रही है। वहीं चतुर्थी तिथि का समापन 18 जून को दोपहर 2 बजकर 59 मिनट पर होगा।
भगवान गणेश की पूजा में विधिवत व्रत रखने का विधान है। चतुर्थी को भगवान गणेश की पूजा के अतिरिक्त चंद्रमा की भी पूजा होती है। इस तिथि पर चंद्रदेव का दर्शन फलदायी माना गया है। संकष्टी चतुर्थी व्रत में एक पात्र में जल, गाय का दूध, अक्षत और फूल लेकर चंद्रमा का ध्यान करते हुए अर्घ्य दें। उसके बाद व्रत का पारण करें।