कला - कौशल,स्वर -वाणी और विद्या- ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा वैदिक काल से होती आ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी, माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर प्रत्येक वर्ष मनायी जाती है।
Saraswati Puja 2023, Mantra : कला कौशल,स्वर वाणी और विद्या ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा वैदिक काल से होती आ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी, माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर प्रत्येक वर्ष मनायी जाती है। इस दिन मां सरस्वती की विधि विधान और धूमधाम से पूजा का विधान है। यह दिन शिक्षा और कला जगत के लिए विशेष होता है। आज के दिन शिक्षा सामग्री की भी पूजा की जाती है। पूजा के समय पीले पुष्प को देवी मां को अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि मां सरस्वती की पूजा करने से शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में सफलता मिलती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से बसंत पंचमी आरंभ हो रही है, जो अगले दिन 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक इसे मनाया जा सकेगा। हिंदू मान्यता के अनुसार उदया तिथि के आधार पर बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जाएगी।
मां सरस्वती के मंत्र (Maa Saraswati Ke Mantra)
1. ‘ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।’
2. सरस्वती गायत्री मंत्र : ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।’
3. नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनी,
त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,
कंबू कंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणंभूषिता,
महासरस्वती देवी, जिव्हाग्रे सन्नी विश्यताम् ।।
शारदायै नमस्तुभ्यं , मम ह्रदय प्रवेशिनी,
परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।
4. सरस्वती ध्यान मंत्र
ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम् ।
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ ।।
5. सरस्वती बीज मंत्र- ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः
6. सरस्वती मंत्र विद्यार्थियों के लिए-
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥
6. महासरस्वती मंत्र
ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः |