Jairam Ramesh : कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वास्तविक मंशा दुखद ऐतिहासिक घटनाओं को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विभाजन की त्रासदी का इस्तेमाल नफरत और पूर्वाग्रह की भावना को भड़काने के लिए नहीं होना चाहिए।
Jairam Ramesh : कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वास्तविक मंशा दुखद ऐतिहासिक घटनाओं को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विभाजन की त्रासदी का इस्तेमाल नफरत और पूर्वाग्रह की भावना को भड़काने के लिए नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति हारेगी और कांग्रेस गांधी, नेहरू, पटेल व अन्य नेताओं की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र को एकजुट करने का प्रयास जारी रखेगी।
सुभाष चन्द्र बोस जिन्होंने हमेशा सांप्रदायिकता का विरोध किया, भगत सिंह जी दक्षिणपंथ के खिलाफ़ लड़े, तिरंगा जो भारत के हर जाति, धर्म संस्कृति, भाषा को समेटे हैं इसका स्वायत्तीकरण कर लेंगे तो जान लीजिए कि वो ये इसलिए कर रहें हैं क्योंकि भाजपा के पास अपना कहने के लिए कुछ है ही नहीं।
— Sadaf Jafar (@sadafjafar) August 14, 2022
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल घोषणा की थी कि लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त के दिन विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि लाखों लोग विस्थापित हुए और जानें गईं। उनके बलिदानों को भुलाया या निरादर नहीं किया जाना चाहिए। बंटवारे की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह की भावना को भड़काने के लिए नहीं होना चाहिए। सच यह है कि सावरकर ने द्वि-राष्ट्र का सिद्धांत दिया और जिन्ना ने इसे आगे बढ़ाया। पटेल ने लिखा था कि मुझे लगता है कि अगर विभाजन स्वीकार नहीं किया गया, तो भारत कई टुकड़ों में बंट जाएगा।’
'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस #PartitionHorrorsRemembranceDay 'पर एक ऐतिहासिक दस्तावेज हाथ लगा है। जिसमें सावरकर जिन्ना को पाकिस्तान की मांग करने के लिए बधाई दे रहे हैं !
इस ऐतिहासिक दस्तावेज पर संघ परिवार के लोगों की क्या राय है? क्या सावरकर और जिन्ना एक दूसरे के पूरक नहीं हैं? pic.twitter.com/R3CDOXTuqi— Amrish Ranjan Pandey (@pandey_amrish) August 14, 2022
‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद करेंगे, जिन्होंने…’
कांग्रेस नेता ने पूछा कि ‘क्या प्रधानमंत्री आज जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद करेंगे, जिन्होंने शरत चंद्र बोस की इच्छा के खिलाफ बंगाल के विभाजन का समर्थन किया था। वह तब स्वतंत्र भारत की पहली कैबिनेट में शामिल हुए थे जब विभाजन के दर्दनाक परिणाम स्पष्ट रूप से सामने आ रहे थे?’
Sharing this again because the BJP is desperately in need of some REAL education on the partition. WhatsApp university is on an overdrive today! https://t.co/i5Yhb7p4dK
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 14, 2022
‘आधुनिक दौर के सावरकर-जिन्ना का प्रयास आज भी जारी’
रमेश ने ट्वीट किया कि देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास आज भी जारी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गांधी, नेहरू, पटेल और अन्य नेताओं की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्र को एकजुट करने का प्रयास जारी रखेगी। नफरत की राजनीति हारेगी।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को रविवार को श्रद्धांजलि दी और इतिहास के उस दुखद काल के पीड़ितों के धैर्य और सहनशक्ति की सराहना की। गौरतलब है कि 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों में लाखों लोग विस्थापित हुए थे और बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे।