सावन में भगवान शिव की अराधना करने का विशेष महत्व है। इस समय सावन का महीना चल रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि सावन में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस माह में भगवान और भक्त के बीच की दूरी कम हो जाती है। शिवजी बहुत भोले माने जाते हैं, उनका नाम मात्र लेने से वह प्रसन्न हो जाते हैं।
सावन 2021: सावन (savan) में भगवान शिव की अराधना (worship of lord shiva) करने का विशेष महत्व है। इस समय सावन का महीना चल रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि सावन में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं (wishes) पूरी होती हैं। इस माह में भगवान और भक्त के बीच की दूरी कम हो जाती है। शिवजी बहुत भोले माने जाते हैं, उनका नाम मात्र लेने से वह प्रसन्न हो जाते हैं।
अनेक स्थानों पर सावन माह के दौरान भगवान शिव की भस्म आरती भी की जाती है। बारह ज्योर्तिलिंग में से एक उज्जैन (Ujjain) स्थित महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple ) में प्रतिदिन भस्म आरती (Bhasma Aarti) विशेष रूप से की जाती है। यह प्राचीन परंपरा है। भगवान शिव की भस्म आरती करने के लिए भस्म को प्रतिदिन श्मशान की जली हुई चिताओं (cremated pyre) से लाया जाता है। वहीं श्मशान की इस भस्म (Bhasma) को साधु-संत तथा अघोरी (Aghori) लोग भी अपने शरीर पर लगाते हैं।
भगवान शिव को क्यों प्रिय है भस्म
शिवजी सदैव मृगचर्म (हिरण की खाल) धारण किए रहते हैं और शरीर पर भस्म (राख) लगाए रहते हैं। शिवजी का प्रमुख वस्त्र भस्म यानी राख है, क्योंकि उनका पूरा शरीर भस्म से ढंका रहता है। शिवपुराण के अनुसार भस्म सृष्टि का सार है, एक दिन संपूर्ण सृष्टि इसी राख के रूप में परिवर्तित हो जानी है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, सावन के महीने में भस्म मंदिर में रखना बेहद शुभ होता है। भस्म मंदिर में रखना बेहद शुभ होता है। भगवान शिव जी की मूर्ति के साथ भस्म रखने से भगवान शिव खुश होते है। सावन के महीने में शिवलिंग पर भस्म चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हेे।