ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालु को मनोवांक्षित फल पाते है।
सावन 2021: सावन भगवान शिव जी का पवित्र महीना है। इस समय सावन का महीना चल रहा है। ऐसी प्राचीन मान्यता है कि इस माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर क्षण,हर घड़ी अनुकूल होती है। भगवान महादेव की पूजा अर्चना के लिए इस माह में शुभ मुहूर्त और लाभकारी योग की उपलब्धता बनी रहती है। व्रत, उपवास रख कर भगवान शिव को प्रसन्न करने की पुरानी परंपरा की पीछे शिव महिमा ही है। धार्मिक मान्यता है कि बिना बेलपत्र चढ़ाए भगवान शिव की पूजा पूरी नहीं होती है। ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालु को मनोवांक्षित फल पाते है।
इन खास दिनों में महादेव पर गंगाजल के साथ-साथ बेलपत्र अर्पित करने का विशेष महत्व माना गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं बेलपत्र तोड़ते और उसे शिव को अर्पित करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
बेलपत्र तोड़ने के नियम
1. चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथियों को, संक्रांति के समय और सोमवार को बेलपत्र न तोड़ें।
2. बेलपत्र भगवान शंकर को बहुत प्रिय है, इसलिए इन तिथियों या वार से पहले तोड़ा गया पत्र चढ़ाना चाहिए।
3. शास्त्रों में कहा गया है कि अगर नया बेलपत्र न मिल सके,तो किसी दूसरे के चढ़ाए हुए बेलपत्र को भी धोकर कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।