प्रकृति सावन माह में धरती का श्रृंगार करती है। पृथ्वी पर चारों ओर हरियाली का सौन्दर्य दिखता है। पूरा दृश्य मनोहारी हो जाता है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस माह में प्रकृति भी पूरी आस्था के साथ अपना वैभव दिखाती है।
Sawan Mein Mahadev Ki Pooja : प्रकृति सावन माह में धरती का श्रृंगार करती है। पृथ्वी पर चारों ओर हरियाली का सौन्दर्य दिखता है। पूरा दृश्य मनोहारी हो जाता है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस माह में प्रकृति भी पूरी आस्था के साथ अपना वैभव दिखाती है। इस बार पूरे दो माह तक सावन रहेगा। 4 जुलाई से शुरू होने वाला सावन 31 अगस्त 2023 तक रहेगा तक रहेगा।
पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान शिव सब पर कृपा करते है। इसलिए इन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भक्त गण पूरे उत्साह के साथ सावन मास में शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। भारत में सावन मास को पर्व की तरह मनाते है। भक्त गण व्रत का पालन करने के साथ ही भोज और भंडारा भी करते है। मान्यता के अनुसार ,भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा करने से मनचाहे वर मिलने का वरदान प्राप्त होता है। नवयुवतियां सज धज कर शिवालयों में जलाभिषेक करतीं है और व्रत का पालन करती।
रुद्राभिषेक
सावन में रुद्राभिषेक का खास महत्व है। मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं। साथ ही हर तरह का कष्ट और ग्रहों की पीड़ा दूर हो जाती है। गंगाजल से रुद्राभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव को अर्पित करें
भगवान शिव की पूजा के विशेष नियम है। भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं का विशेष महत्व है। भगवान शिव पर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें।
सावन सोमवार 2023 तिथियां
इस त्योहार के दौरान चार सावन सोमवार व्रत या व्रत बहुत महत्वपूर्ण हैं। 2023 में ये 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई,7 अगस्त और 14 अगस्त,21 अगस्त और 28 अगस्त 2023 को हैं।
मांसाहारी व्यंजन
सावन में मांसाहारी भोजन नहीं खाना चाहिए। सावन मास की पूरी अवधि में पूरी तरह सात्विक भोजन ही करना चाहिए।