Sawan Shiv Puja Vidhi : सावन का महीना शिवशंकर को बेहद प्रिय है। सावन मास का शिवभक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। भगवान शंकर की तीन रूपों में पूजा की जाती है। पहला शिवलिंग रूप, दूसरा शंकर रूप और तीसरा रुद्र रूप। सावन मास बेहद पवित्र माना गया है।
Sawan Shiv Puja Vidhi : सावन का महीना शिवशंकर को बेहद प्रिय है। सावन मास का शिवभक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। भगवान शंकर की तीन रूपों में पूजा की जाती है। पहला शिवलिंग रूप, दूसरा शंकर रूप और तीसरा रुद्र रूप। सावन मास बेहद पवित्र माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, सावन मास में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन में शिव जी को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें पूजा-
भगवान शिव की पूजा करते समय किस दिशा में करें मुंह
शिवजी की पूजा सुबह में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए। शाम में भगवान शिव की पूजा करते समय पश्चिम दिशा में मुख करना चाहिए। रात में महादेव की पूजा करते समय उत्तर दिशा में मुंह रखना चाहिए।
शिव पूजा का संकल्प करें
सावन में शिव पूजन करने से पहले संकल्प लें। संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। संकल्प में जिस दिन पूजा कर रहे हैं उस वर्ष, दिन, तिथि, नाम और जगह को लेकर अपनी इच्छा बोलें। इसके बाद हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।
भगवान शिव की पूजा विधि
1. सावन में में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।
2. प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
3. उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें।
4. फिर शिवलिंग पर दूध, फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं। मंत्रोच्चार सहित शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियां चढ़ाएं। माता पार्वती जी को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
5. इसके बाद उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं।
6. इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
7. पूजा के अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
8. पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
9. दिन में दो बार (सुबह और सायं) भगवान शिव की प्रार्थना करें।
10. संध्याकाल में सामान्य भोजन करें।