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सावन शिवरात्रि 2021: भगवान शिव के ध्यान के लिए सर्वोत्म दिन,रात्रि जागरण का विशेष महत्व है

यह भगवान शिव का सबसे प्रिय माह माना जाता है। लोग भगवान से विशेष कृपा प्राप्ति के लिए सावन में सोमवार का व्रत रखते है।सावन हिन्दू पंचाग का पांचवा माह है। आपको बता दे इस बार सावन सोमवार 25 जुलाई से आरंभ हुआ है। जो कि 22 अगस्त 2021 तक रहेगा। 

By अनूप कुमार 
Updated Date

सावन शिवरात्रि 2021: यह भगवान शिव का सबसे प्रिय माह माना जाता है। लोग भगवान से विशेष कृपा प्राप्ति के लिए सावन में सोमवार का व्रत रखते है।सावन हिन्दू पंचाग का पांचवा माह है। आपको बता दे इस बार सावन सोमवार 25 जुलाई से आरंभ हुआ है। जो कि 22 अगस्त 2021 तक रहेगा।

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सावन सोमवार के अलावा सावन शिवरात्रि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है। वैसे तो शिवरात्रि हर माह आती है। जिसमें सबसे ज्यादा महत्व दो शिवरात्रि को होता है। फाल्गुन माह की शिवरात्रि जिसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता हैं। और दूसरा सावन की शिवरात्रि का महत्व होता है। इस बार सावन शिवरात्रि 7 अगस्त दिन शनिवार को मनाई जाएगी।इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव के साथ मां गौरी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।

भगवान शिव का सबसे प्रवित्र दिन शिवरात्रि, सकारात्मक उर्जा का श्रोत है, इसलिए जल चढ़ाने के लिए पूरा दिन ही पवित्र और शुभ माना गया है। जल चढ़ाते समय आगे और पीछे की तिथि को ध्यान में रखें।

 

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आपको बता दे कि सावन शिवरात्रि को काँवर यात्रा का समापन दिवस भी कहा जाता है, जो मानसून के श्रावण (जुलाई-अगस्त) के महीने मे आता है। हिंदू तीर्थ स्थानों हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, सुल्तानगंज में गंगा नदी, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ और देवघर सहित अन्य स्थानों से गंगाजल भरकर, अपने – अपने स्थानीय शिव मंदिरों में इस पवित्र जल को लाकर चढ़ाया जाता है।

क्योंकि इस कोरोना वायरस की महामारी में ये सम्भव नहीं की भक्त भगवान शिव के स्थल पर जाकर पूजा कर सके। इसके लिए घर पर ही भगवान भोलेनाथ की पूजा करें।

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