सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को राज्य सरकारों (State governments) द्वारा सांसद व विधायकों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारें हाईकोर्ट (High Court) के अनुमति बगैर सांसद (Member of parliament) व विधायकों (Legislators) के खिलाफ दर्ज केस वापस नहीं ले सकेंगी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को राज्य सरकारों (State governments) द्वारा सांसद व विधायकों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारें हाईकोर्ट (High Court) के अनुमति बगैर सांसद (Member of parliament) व विधायकों (Legislators) के खिलाफ दर्ज केस वापस नहीं ले सकेंगी। आए दिन सरकार पर प्रदेश के सत्तारूढ़ दलों (Ruling Parties) पर अपने पार्टी के विधायकों व सांसदों पर दर्ज केस वापस लेना एक आम बात हो चुकी है। इस वजह के कई गंभीर अपराधों दर्ज केस आसानी से वापस कर लिए जाते हैं। इस तरह के आरोप आए दिन विपक्ष राज्य सरकारों पर लगाता रहता है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह फैसला विधायक और सांसदों के खिलाफ मामलों के स्पीडी ट्रायल की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सांसद (Member of parliament) व विधायकों (Legislators) के खिलाफ आपराधिक ट्रायल के जल्द निपटारे की निगरानी के लिए जल्द स्पेशल बेंच का गठन करने का आदेश दिया है।