खुद को भगवान कहने वाले नित्यानंद अपना खुद का राष्ट्र 'कैलासा' स्थापित करने का दावा करता है। लेकिन नित्यानंद कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर चिंतित है। इसको देखते हुए नित्यानंद की तरफ से एक नया आदेश भी जारी किया गया है,
नई दिल्ली। खुद को भगवान कहने वाले नित्यानंद अपना खुद का राष्ट्र ‘कैलासा’ स्थापित करने का दावा करता है। लेकिन नित्यानंद कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर चिंतित है। इसको देखते हुए नित्यानंद की तरफ से एक नया आदेश भी जारी किया गया है, जिसमें भारत समेत कई अन्य देशों से के लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। खास बात है कि इस कथित राष्ट्र की तरफ से एक आधिकारिक पत्र जारी हुआ है, जिसमें पाबंदियों के बारे में जानकारी दी गई है।
KAILASA's #PresidentialMandate
Executive order directly from the #SPH for all the embassies of #KAILASA across the globe. #COVID19 #COVIDSecondWaveInIndia #CoronaSecondWave #Nithyananda #Kailaasa #ExecutiveOrder pic.twitter.com/I2D0ZvffnO— KAILASA'S SPH JGM HDH Nithyananda Paramashivam (@SriNithyananda) April 20, 2021
नित्यानंद के एक आदेशानुसार कोविड के चलते ‘कैलासा’ में किसी भारतीय भक्त को आने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा पाबंदियों की सूची में ब्राजील यूरोपीय संघ और मलेशिया जैसे देशों का नाम भी शामिल किया है। बता दें कि बीते कुछ दिनों से नित्यानंद की पोस्ट्स ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा था। नित्यानंद द्वीप कैलासा को अपना अलग देश बताता है।
इतना ही नहीं है. यहां एक प्रधानमंत्री है और साथ में कैबिनेट भी काम करती है। इस द्वीप के पास अपनी आधिकारिक वेबसाइट है। इसके अलावा नित्यानंद ने ‘रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा’ भी शुरू किया है। यहां मुद्रा के नाम पर ‘कैलाशियन डॉलर’ का इस्तेमाल होता है। बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नित्यानंद इक्वाडोर के एक तट पर छिपा हुआ है। उस पर यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। नित्यानंद ने संयुक्त राष्ट्र से कैलासा को एक अलग देश घोषित करने की भी अपील की है।
खास बात है कि नित्यानंद यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद भारत से भाग गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब पुलिस इस बात की जांच कर रही थी कि कैसे पासपोर्ट एक्सपायर होने के बाद नित्यानंद भागने में कामयाब हुआ? तो वेबसाइट के जरिए पता चला कि ‘कैलासा’ का अपना खुद का पासपोर्ट है। इस पासपोर्ट पर ‘कैलासा’ का झंडा बना हुआ है, जिसे ऋषभ ध्वज कहा जा रहा है। ध्वज पर नंदी के साथ नित्यानंद हैं।