जीवन शैली में भोजन का बहुत महत्व है।भोजन को पकाने से लेकर खाने तक बहुत सारे नियम बने हुए है। अलग अलग संस्कृतियों में भोजन ग्रहण करने को ले कर कुछ जस्री नियम बने है।
Shakun Shastra : जीवन शैली में भोजन का बहुत महत्व है।भोजन को पकाने से लेकर खाने तक बहुत सारे नियम बने हुए है। अलग अलग संस्कृतियों में भोजन ग्रहण करने को ले कर कुछ जरूरी नियम बने है। लोग इन नियमों का पालन करते आ रहे है। भोजन ग्रहण करने को लेकर जो भी मान्यताएं है उनमें भोजन का सम्मान के नजरिए से देखा जाता है। हिंदू धर्म में भोजन को भगवान का दर्जा प्राप्त है। भगवान को भोग लगा कर ही भोजन को ग्रहण किया जाता है। हिंदू धर्म में भोजन को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि जैसा खाए अन्न,वैसा बने मन। प्राचीन ग्रंथ शकुन शास्त्र में भोजन के शुभ और अशुभ संकेतों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है।आइये जानते है।
1.दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से मान-सम्मान की हानि होती है।
2.हमेशा भोजन बैठकर करें। कभी भी सीधे जमीन पर बैठकर भोजन न करें, बल्कि आसन बिछाएं।
3.बिस्तर पर बैठ कर भोजन नहीं करना चाहिए।
4.खाना खाने के बाद थाली में हाथ नहीं घुलना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता है।
5.खाना खाते समय क्रोध और बातचीत न करें। इसके अलावा भोजन करते समय अजीब सी आवाजें निकालना भी अच्छा नहीं होता।