सनातन धर्म में झाड़ू मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। झाड़ू स्वच्छाता का प्रतीक है। भारतीय घर परिवारों में स्वच्छता क विशेष ध्यान दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, झाड़ू को बहुत ही शुभ शगुन माना जाता है।
Shakun Shastra : सनातन धर्म में झाड़ू मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। झाड़ू स्वच्छाता का प्रतीक है। भारतीय घर परिवारों में स्वच्छता क विशेष ध्यान दिया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, झाड़ू को बहुत ही शुभ शगुन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, विशेष पर्व पर झाड़ू की पूजा भी की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू के रखरखाव को लेकर धर्म शास्त्रों में कई बातें बताई गई है। झाड़ू का इस्तेमाल घर से नकारात्मकता दूर करने के लिए होता है। टूटी झाड़ू को लेकर जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु दोष भी निर्मित होने लगते है। आइये जानते है कि पुरानी झाड़ू को किस दिन घर के बाहर निकाला जाता है।
1.वास्तु शास्त्र के मुताबिक अमावस्या के दिन घर से टूटी फूटी पुरानी झाड़ू को बाहर फेंक देना ठीक होता है। अमावस्या के दिन आप घर से झाड़ू बाहर फेंकना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पुरानी झाड़ू फेंकने से किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगता है।
2.झाड़ू के ऊपर पांव रखना गलत समझा जाता है। यह माना जाता है कि व्यक्ति घर आई लक्ष्मी को ठुकरा रहा है।
3.खुले स्थान पर झाड़ू रखना अपशकुन माना जाता है।
4.भोजन कक्ष में झाड़ू न रखें अपशकुन माना जाता है।
5.झाड़ू को कभी भी खड़ी करके नहीं रखना चाहिए। यह अपशकुन माना गया है।