भोजन जीवन का प्रमुख अंग ळै। इसके बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। प्राचीन शास्त्रों में भोजन को लेकर विभिन्न पहलुओं पर बातें बताई गई है।
Shakun Shastra : भोजन जीवन का प्रमुख अंग ळै। इसके बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। प्राचीन शास्त्रों में भोजन को लेकर विभिन्न पहलुओं पर बातें बताई गई है। शास्त्रों के अनुसार, रसोई घर, और भोजन पर मां अन्नपूर्णा का आर्शिवाद होना आवश्यक होता है। रसोई घर में मां अन्नपूर्णा का निवास होता है। इसलिए रसोई घर को हमेशा शुद्ध और पवित्र रखना चाहिए। मान्यता है कि रसोई घर के शुद्ध रखने से घर के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है। घर में रसोई वह स्थान है जहां से मन बुद्धि को पोषण मिलता है।
प्राचीन काल से रसोई के कुछ नियम है। चूल्हे चौके के इन नियमों का पालन आज तक लोग करते आ रहे है। जाने अनजाने में इन नियमों के पालन में भूल चूक हो जाने पर उसमें सुधार कर लेना चाहिए। आईये जानते है शकुन शास्त्र के अनुसार रसोई में किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
1.रसोई घर को स्वच्छ रखना चाहिए क्यों पौराणिक ग्रंथों के अनुसार यह स्थान मां अन्नपूर्णा के निवास करने का है।
2.रसोई घर में तवे या कढ़ाई को कभी भी उल्टा नहीं रखें।
3.तवा और कढ़ाई को हमेशा रसोई में दाएं तरफ स्थान दें।
4.खाना बनने के बाद खाली चूल्हे पर तवा न चढ़ाएं।
5.गर्म तवे पर पानी नहीं डालना चाहिए इससे घर में मुसीबत आती हैं।
6.घर में रसोई का प्लेटफार्म का चटकना या टूटना, चकले का टूटना या तड़क जाना दरिद्रता की संकेत होता है।
7.तवा ठंडा होने पर उसके ऊपर नींबू और नमक रगड़कर उसे चमका दें इससे घर वालों की किस्मत भी चमक उठेगी।