जीवन में साधारण या महत्वपूर्ण दोनों ही स्थितियों में कार्य करने के लिए सावधानी की बहुत आवश्यकता होती है।कार्यो में अपेक्षित सफलता जब नहीं मिलती तो मन में शंकाएं उठने लगती है।
shakun shastra: जीवन में साधारण या महत्वपूर्ण दोनों ही स्थितियों में कार्य करने के लिए सावधानी की बहुत आवश्यकता होती है।कार्यो में अपेक्षित सफलता जब नहीं मिलती तो मन में शंकाएं उठने लगती है। मन शुभ- अशुभ और शकुन- अपशुन की तरफ अनायास ही भागने लगता है। जब तक व्यक्ति को इन विषयों की अधिक जानकारी नहीं होती वह उन सब परिस्थितियों से अनजान रहता है जिसमें उसे सावधानी पूर्वक कार्य करना चाहिए था। शुभ -अशुभ और शकुन -अपशकुन को लेकर शकुन शास्त्र में बताया गया है।
प्रकृति अपने माध्यम से मनुष्य को आने वाले शुभ-अशुभ की जानकारी देती रहती है। आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे जिससे पता चलता है कि कार्य पूर्ण होंगे या क्या शुभ फल प्राप्त होगा।
1.यदि बायें पांव की अंगुलियां फड़कें तो शुभ ही रहता है।
2.अगर बाईं आंख के नीचे फड़कन हो तो व्यर्थ ही व्यय होता है।
3.दाहिनी आंख के नीचे फड़कन हो तो सम्मान आदि की प्राप्ति होती है।
4.ऊपरी पलक और भौंवें फड़कती हैं तो माना जाता है कि उनके मन की सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं।
5.दायीं तरफ की नाक फड़के तो उस व्यक्ति की किसी अन्य व्यक्ति से बहस हो सकती है।
6.नाक के नथुने फड़कते हैं, तो इसे जातक के जीवन में धन-लाभ का शुभ संकेत है।
7.यदि हाथ का अंगूठा फड़के तो कोई अशुभ सूचना प्राप्त होती है।