सनातन धर्म व्रत उपवास में फलाहार करने का नियम है। युगों- युगों से ऐसा चलता आ रहा है। हिंदू धर्म में भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत उपवास के नियम का पालन करने परंपरा है।
Shakun Shastra : सनातन धर्म व्रत उपवास में फलाहार करने का नियम है। युगों- युगों से ऐसा चलता आ रहा है। हिंदू धर्म में भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत उपवास के नियम का पालन करने परंपरा है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, व्रत में एक संतुलित ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा का संतुलन बराबर बना रहे इसलिए बहुत से खाद्य पदार्थों का व्रत उपवास में निषेध होता है। भारतीय ऋषि मुनि इस सिद्धांत का पालन करते हुए हजारों वर्षों तक तपस्या करते रहे। प्राचीन भारतीय आहार परंपरा भी पोषणीय थी। शकुन शास्त्र नामक ग्रंथ में व्रत उपवास में फलाहार के शुभ शकुन के बारे में बताया गया है। आइये जानते है।
1.व्रत के लिए जहां फलाहार का निर्माण होना है वह जगह धुली हुई और शुद्ध हो। ऐसा करने से मासता अन्न पूर्णा का आगमन वहा हो जाता है।
2.फलाहार में अन्न वर्जित है। व्रत में अन्न खाने से शरीर में तामसिक शक्तियां प्रबल होने लगती है। मन इधर उधर के विषयों में भटकने लगता है। यह व्रत उपवास के लिए शुभ नहीं संकेत है।
3.भोजन केवल पेट भरने का साधन मात्र नहीं है बल्कि इससे मन में सात्विक शक्तियों का उदय होता है।
4.भोजन हमारे जीवन की आवश्यक जरूरत है। भोजन को लेकर कुछ जरूरी नियम बनाए गए है। भोजन का शिष्टाचार व्यक्ति को कई परेशानियों से दूर रखता है।