ग्रह मंण्डल में शनि देव का विशेष महत्व है। सूर्य पुत्र शनिदेव को न्यायाधिकारी कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, सूर्य देव और माता छाया की संतान शनि देव हैं।
Jeth Ki Amaavasya Shani Jayanti 2023 : ग्रह मंण्डल में शनि देव का विशेष महत्व है। सूर्य पुत्र शनिदेव को न्यायाधिकारी कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, सूर्य देव और माता छाया की संतान शनि देव हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव को न्याय के देवता और कर्मफल के दाता के रूप में पूजा जाता है। शनि देव यह सुनिश्चित करते है कि सबको न्याय मिले। शानि देव गलत कार्य करने वालों को तुरंत दंडित करते है।
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती भी पड़ती है। अतः इस दिन उनकी कृपा पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। वैदिक ज्योतिष में शनि देव सेवा और कर्म के कारक हैं। कहा जाता है कि शनि की साढ़े साती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव लोगों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। शनि दोष के अशुभ प्रभाव को दूर करने लिए ज्येष्ठ अमावस्या के व्रत का पालन करने से शनिदेव की कृपा मिलती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि की शुरुआत 18 मई 2023 की शाम 9 बजकर 42 मिनट पर होगी और 19 मई 2023 की रात 9 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 19 मई, शुक्रवार को ज्येष्ठ अमावस्या मनाई जाएगी।
शनिदेव को प्रसन्न् करने के लिए करें ये काम
1.शनि देव को कड़वा तेल, काले तिल, काले कपड़े और नीले पुष्प चढ़ाएँ। शनि चालीसा का जाप करें।
2.ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पवित्र नदी, जलाशय या कुंड में स्नान करें। साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य दें।
3.इस दिन पास के मंदिर में शनि देव को सरसों के तेल का दीपक जलाकर चढ़ाया जा सकता है।
4.इस दिन शनि आरती और हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।