सूर्य पुत्र शनि महाराज पंचांग के अनुसार शनि 12 जुलाई, 2022 को प्रातः: 10 बजकर 28 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। शनि देव की वक्री चाल को लेकर लोगों में भय उत्पन्न हो जाता है।
Shani Vakri 2022 : सूर्य पुत्र शनि महाराज पंचांग के अनुसार शनि 12 जुलाई, 2022 को प्रातः: 10 बजकर 28 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। शनि देव की वक्री चाल को लेकर लोगों में भय उत्पन्न हो जाता है। शनिदेव के दुष्प्रभाव के बारे में सुनकर लोग भयभीत होने लगते है। ऐसे लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है जो जरूरतमंदों-असहायों की मदद करते हैं। सफाई कर्मचारियों, मेहनतकश लोगों का शोषण नहीं करते हैं और उनके सम्मान से बात करते हैं। शनि के वक्री होने के दौरान मेष, कर्क और सिंह राशि वालों को सतर्क रहना चाहिए। शनि देव कुंभ राशि से निकल कर मकर राशि में वक्री होंगे। इनकी बदली हुई चाल का असर सभी राशियों पर पड़ेगा।
शनि की उल्टी चाल का प्रभाव सबसे अधिक कर्क, सिंह, कन्या, मकर, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों पर पड़ेगा। इन सभी राशि पर शनि की टेढ़ी नजर होगी। बता दें कि शनि ग्रह के गोचर से मीन राशि पर साढ़े साती आरंभ हो गई है। वहीं कुंभ राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण, मकर राशि पर साढ़े साती का अंतिम चरण, कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर ढैय्या का आरंभ हो गई है।
शनि के बारे में मान्यता है कि ये लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। शनिदेव की पूजा करते समय नीले रंग के फूल अर्पित करें। इसके साथ ही रुद्राक्ष की माला से ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए। इससे साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है।