हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि को बहुत महत्व दिया जाता है।लोग नवरात्रि भर उपवास रखते हैं और 9 दिन में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं।
शारदीय नवरात्रि 2021: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि को बहुत महत्व दिया जाता है।लोग नवरात्रि भर उपवास रखते हैं और 9 दिन में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की सवारी डोली होगी। 7 अक्टूबर, गुरुवार से मां शैलपुत्री के पूजन से नवरात्रि प्रारंभ होगें। 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र रहेंगे। 15 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इन दिनों में मां के भक्त उनको प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए मां का पूजन-अर्चन, भोग और आरती करते हैं। मां का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त गण उनकें चरणों में माता के प्रिय पुष्पों को अर्पित करते है।
पहले दिन (मां शैलपुत्री )
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को गुड़हल का लाल फूल और सफेद कनेर का फूल बहुत पसंद है। इसलिए पहले दिन मां को गुड़हल या कनेर का फूल अर्पित करना चाहिए।
दूसरे दिन (मां ब्रह्मचारिणी )
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की अराधना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को गुलदाउदी का फूल काफी पसंद हैं। इस दिन मां के चरणों में गुलदाउदी का फूल अर्पित कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है।
तीसरे दिन (मां चंद्रघंटा )
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप को पूजा जाता है और मां चंद्रघंटा को कमल का फूल व शंखपुष्पी का फूल बेहद पसंद हैं। कहा जाता है कि तीसरे दिन मां को ये फूल अर्पित करने से जीवन में जल्दी सफलता मिलती है।
चौथे दिन (मां कुष्मांडा )
नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन मां कुष्मांडा को उनका पसंदीदा चमेली का फूल या पीले रंग का कोई भी फूल पूजा में चढ़ाना चाहिए। इससे मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती हैं।
पांचवें दिन (मां स्कंदमाता )
नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की अराधना होती है। मां को पीले रंग के फूल बहुत पसंद हैं इसलिए इस दिन पूजा में पीले रंग के किसी भी फूल को शामिल कर सकते हैं। मां खुश होकर सुख-सम्पन्नता का आशीर्वाद देती हैं।
छठे दिन (मां कात्यायनी )
नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा—अर्चना होती है। कहा जाता है कि मां कात्यायनी को गेंदे का फूल और बेर के पेड़ का फूल काफी पसंद है। पूजा सामग्री में इन फूलों को शामिल कर उनके चरणों में अर्पित करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सातवें दिन (मां कालरात्रि )
नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की अराधना की जाती है। मां कालरात्रि को नीले रंग का कृष्ण कमल का फूल बहुत अधिक प्रिय है। यदि संभव हो तो सातवें दिन पूजा में इस फूल को शामिल करें यदि ये फूल न मिले तो कोई भी नीले रंग का फूल भी चढ़ाया जा सकता है।
आठवें दिन (मां महागौरी )
नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप को पूजा जाता है। महागौरी को मोगरे का फूल काफी पसंद है। इस दिन पूजा के दौरान यदि आप मां के चरणों में मोगरे का फूल अर्पित करते हैं तो मां की कृपा हमेशा आपके घर-परिवार पर बनी रहती है।
नौवें दिन (मां दुर्गा के सिद्धिदात्री )
नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है। मां को चंपा और गुड़हल का फूल बेहद पसंद है। पूजा करते समय मां सिद्धिदात्री के चरणों में इस फूल को चढ़ाने से मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।