शारदीय नवरात्रि में तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरुप चंद्रघंटा की आराधन की जाती है। देवी चंद्रघंटा का स्वरूप परम कल्याणकारी हैं। बाघ पर सवार मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण की तरह चमकीला हैं।
Sharadi Navratri 2023 : शारदीय नवरात्रि में तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरुप चंद्रघंटा की आराधन की जाती है। देवी
चंद्रघंटा का स्वरूप परम कल्याणकारी हैं। बाघ पर सवार मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण की तरह चमकीला हैं। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान हैं, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। 10 भुजाओं वाली देवी के हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र विभूषित हैं। पौराणिक मान्यता है कि मां चंद्रघंटा का पूजन करने से भक्तों की आयु लम्बी होती है और इनके पूजन-अर्चन से व्यक्तित्व में वैराग्य, सदाचार और संयम बढ़ता है। ऐसा माना जाता है कि शुक्र ग्रह देवी चंद्रघंटा द्वारा शासित है।
मां चंद्रघंटा का ध्यान मंत्र
पिंडजप्रवरारूढ़ा, चंडकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।। अर्थात् श्रेष्ठ सिंह पर सवार और चंडकादि अस्त्र शस्त्र से युक्त मां चंद्रघंटा मुझ पर अपनी कृपा करें। वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥