7 अक्टूबर 2021, से नवरात्रि शुरू हो शुरू हो गई हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा डोली में सवार (Maa Durga in Doli) होकर आ रही हैं।
शारदीय नवरात्रि 2021: 7 अक्टूबर 2021, से नवरात्रि शुरू हो शुरू हो गई हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा डोली में सवार (Maa Durga in Doli) होकर आ रही हैं। इसी क्रम में 15 अक्टूबर को हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा आपने स्थान को प्रस्थान करेंगी। पंचांग के अनुसार, नवरात्रि पर्व के दाैरान शनिवार काे तृतीया व चतुर्थी तिथि दोनों रहेगी, जिसमे चतुर्थी तिथि का क्षय होने के कारण मां चंद्रघंटा व कुष्मांडा देवी दोनों की पूजा होगी।
मां चंद्रघंटा सिंह पर विरजमान हैं और इनके दस हाथ हैं। इनके चार हाथों में कमल फूल, धनुष, जप माला और तीर है। पांचवा हाथ अभय मुद्रा में रहता है। वहीं, चार हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार है। पांचवा हाथ वरद मुद्रा में रहता है। कहा जाता है कि माता का यह रूप भक्तों के लिए बेहद कल्याणकारी है।
मां चंद्रघंटा के मंत्र: मां की पूजा निम्नलिखित मंत्रो के द्वारा की जाती है। भक्तों को इनकी पूजा करते समय इस मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करना चाहिए।
सरल मंत्र
ॐ एं ह्रीं क्लीं
माता चंद्रघंटा का उपासना मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
महामंत्र
‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:‘
ये मां का महामंत्र है जिसे पूजा पाठ के दौरान जपना होता है।
मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’