नातन धर्म में मां दुर्गा की उपासना का बहुत महत्व है। मां भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में भक्त गण मां के विभिन्न रूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं।
शरदीय नवरात्रि 2021: सनातन धर्म में मां दुर्गा की उपासना का बहुत महत्व है। मां भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में भक्त गण मां के विभिन्न रूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। इस साल नवरात्रि 8 दिन के पड़ने के कारण लोगों में महासप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी तिथि को लेकर कंफ्यूज हैं। शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के अष्टमी तिथि को मां दुर्गा की महागौरी स्वरूप में पूजा की जाती है। अष्टमी तिथि पर व्रती अपने घरों में हवन भी करवाते हैं।
महागौरी को माता पार्वती का ही रुप माना जाता है। इस बार बुधवार को दुर्गाष्टमी पड़ रही है। महाअष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा के अलावा कन्या पूजन करने का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि महाअष्टमी के दिन 9 कन्याओं की पूजा कराने के बाद उन्हें उनकी जरूरत का समान भेट में देने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
इस बार दुर्गा अष्टमी का पूजन 13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार को किया जाएगा।
शारदीय नवरात्रि अष्टमी तिथि आरंभ- 12 अक्टूबर 2021 को रात 09 बजकर 47 मिनट से
शारदीय नवरात्रि अष्टमी तिथि समाप्त- 13 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 07 मिनट पर
पूजा का मुहूर्त: अमृत काल- 03:23 AM से 04:56 AM तक और ब्रह्म मुहूर्त– 04:48 AM से 05:36 AM तक है।